खेल बड़ी खबर मध्‍यप्रदेश

एमएस धोनी ने झाबुआ से खरीदे कड़कनाथ के चूजे, रांची भेजे गए 2 हजार चूजे

झाबुआ। भारतीय क्रिकेट टीम (Indian cricket team) के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (former captain Mahendra Singh Dhoni) अब कड़कनाथ के बिजनेस (kadaknath business) में उतर आए हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ नस्ल के 2 हजार मुर्गे खरीदे हैं। धोनी ने झाबुआ के विनोद मेड़ा से कड़कनाथ का सौदा किया है। विनोद ने कड़कनाथ के 2000 चूजों को रांची स्थित धोनी के फॉर्म हाउस के लिए रवाना कर दिया है, जिसकी डिलीवरी रविवार को हो जाएगी।

जानकारी के मुताबिक, झाबुआ जिले के थांदला क्षेत्र के ग्राम रूण्डीपाड़ा के विनोद मेड़ा को पिछले वर्ष क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने कड़कनाथ चूजों का आर्डर दिया था। मेड़ा ने शनिवार को बताया कि कोरोना के कारण वे पिछले वर्ष धोनी को चूजे नहीं दे पाए थे। अब उन्होंने 2 हजार चूजे रांची के लिए रवाना कर दिए गए हैं। रवाना करने से पहले उन्होंने सभी चूजों का परीक्षण करवाया। रविवार को वे रांची पहुंचकर यह चूजे धोनी के फार्म हाउस में दे देंगे।


उल्लेखनीय है कि कड़कनाथ मुर्गों की डिमांड हर सीजन में अधिक रहती है। कड़कनाथ में विटामिन पाया जाता है, इसे अधिकांश लोग खाना पसंद करते हैं। मेड़ा ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से कड़कनाथ का पालन कर रहे हैं। मेड़ा ने एक संस्था बना रखी है, जिसके माध्यम से वे जगह-जगह कड़कनाथ व चूजे उपलब्ध कराते हैं।

भाई या मैनेजर को सौंपेगे
विनोद मेड़ा ने बताया कि पिछले वर्ष उन्हें 2 हजार चूजों का आर्डर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दिया गया था। महामारी के कारण वे इन्हें उपलब्ध नहीं करवा पाए। अब उन्होंने चूजे तैयार कर लिए हैं और इन्हें लेकर वे रांची के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना था कि फिलहाल धोनी आइपीएल खेल में व्यस्त हैं। ये चूजे वे उनके भाई या उनके मैनेजर को सौंपेंगे।

स्वास्थ्य परीक्षण किया गया
झाबुआ जिला पशु चिकित्सालय के उप संचालक विलसन डावर का कहना है कि चूजों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया है। आवश्यक सावधानी के संबंध में भी जानकारी दे दी गई है। कड़कनाथ में सारे पौष्टिक तत्व रहते हैं। इसलिए इसे अधिक पसंद किया जाता है।

काफी महंगा होता है इसका मांस
बता दें कि कुक्कुट प्रजाति के कड़कनाथ मुर्गे मूल रूप से मध्यप्रदेश के धार और झाबुआ, बस्तर (छत्तीसगढ़), गुजरात और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र में पाए जाते हैं। यह क्षेत्र लगभग 800 वर्ग मील में फैला हुआ है। इसके मांस में फैट कम होने से यह हार्ट और डायबिटीज रोगियों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। अब देशभर में किसान इसका पालन कर मुनाफा कमा रहे है। कड़कनाथ में 25-27 फीसदी प्रोटीन होता है। आम चिकन में यह 18 से 20 फीसदी होता है। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

भारत की आर्थिक विकास दर का बढ़ना मतलब आम व्यक्ति का सशक्त होना है

Sun Apr 24 , 2022
– डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत में टीकाकरण, आपूर्ति सुधार और नियमन में आसानी से होने वाले लाभ, निर्यात में तेज बढ़ोतरी और पूंजी खर्च करने में तेजी लाने के लिए वित्तीय मौके की उपलब्धता की मदद से ही यह संभव हो सका है कि भारत की आर्थिक विकास दर दुनिया के तमाम बड़े देशों के […]