नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली के मुखर्जी नगर (Mukherjee Nagar) में गुरूवार को कोचिंग सेंटर में आग (fire in coaching center) लगने के बाद दो घंटे तक हर तरफ अफरातफरी का माहौल (pandemonium) रहा। कोचिंग के छात्रों को सीढ़ियों के बजाय रस्सी से लटक कर उतरते हुए देखकर वहां मौजूद सभी लोग दहशत में आ गए।
बताया जा रहा है कि चारों तरफ धुआं ही धुआं भरा था। इमारत से निकलने वाले एक रास्ते पर आग लगी थी तो दूसरा रास्ता बंद था। इसलिए लगा कि अब बचने के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं। इसलिए जान जोखिम में डालकर छलांग लगाना ही सूझा। ये आपबीती उन तमाम छात्रों की है जोकि गुरुवार को मुखर्जी नगर में बत्रा सिनेमा के समीप स्थित कोचिंग सेंटर में फंसे थे। दरअसल, इमारत में एक ही एंट्री थी और एक ही एग्जिट। इस कारण जब आग लगने के बाद पूरी इमारत में धुआं-धुआं हुआ तो उस वक्त मौजूद करीब 600 छात्रों की जान पर बन आई थी।
खुद ही तोड़ी खिड़कियां
अफरा-तफरी के बीच छात्र खुद ही कोचिंग सेंटर की खिड़कियों को तोड़कर रस्सी व तार के सहारे नीचे कूदने लगे। जैसे-जैसे आग पर काबू पाया जा रहा था, वैसे-वैसे फायर विभाग की टीम अंदर फंसे छात्रों को बाहर निकाल पास के अस्पतालों में भर्ती करा रही थी।
आधा दर्जन कोचिंग सेंटर चल रहे
बिल्डिंग में आधा दर्जन के करीब कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। इमारत बेसमेंट के अलावा भूतल और ऊपर चार मंजिल बनी है। बेसमेंट में भी क्लास चलती हैं। जबकि भूतल पर दुकानों के अलावा पोस्ट ऑफिस भी है। घटना के बाद मौके पर मौजूद छात्रों के मुताबिक पूरी इमारत में एक समय में करीब 600 छात्र मौजूद रहते हैं।
इमारत को अंदर से दो भागों में विभाजित किया गया है। एक हिस्से में मुश्किल से तीन फीट का जीना है, जो चौथी मंजिल तक जाता है। जबकि पिछले हिस्से में भी करीब इतना ही चौड़ा एक जीना बनाया गया है जो महज एक मंजिल तक ही था। इस कारण छात्रों के पास बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं मिला तो खिड़की तोड़ रस्सी के सहारे नीचे उतरने लगे।
संस्कृति आईएएस कोचिंग सेंटर की एचआर प्रमुख एकता कालिया ने बताया कि पूरी इमारत बच्चों से भरी थी। तीसरी और चौथरी मंजिल पर हमारी कोचिंग होती है। ट्रांसफॉर्मर में आग लगी थी, जिस वजह से धुआं तीसरी और चौथी मंजिल तक पहुंच गया। बच्चे घबरा गए और भाग-दौड़ करने लगे।
किसी का चेहरा नहीं दिखा
हिमांशु ने बताया कि हादसे के वक्त 150 छात्र मौजूद थे। मुख्य रास्ता बंद हो गया था। धुएं के कारण किसी का चेहरा नहीं दिख रहा था। खिड़की तोड़कर रस्सी के सहारे नीचे उतरकर हमने अपनी जान बचाई। रस्सी से उतरने के कारण मेरे दोनों हाथों में चोट लग गई।
ऊपरी हिस्से में भरा धुआं
बेसमेंट में एसएससी की कोचिंग ले रहे इटावा निवासी अजय दीक्षित ने बताया कि हमारी गणित की कक्षा चल रही थी। अचानक फटफट की आवाज आने लगी। इमारत से जब बाहर आए तो ऊपरी हिस्से में धुआं भर गया। लड़के-लड़कियां खिड़कियों से कूद रहे थे।
छात्र धीरज ने बताया कि लाइट चली गई थी। आवाज सुनकर सब इधर-उधर भागने लगे। रस्सी से उतरने के दौरान एक लड़की का सिर फट गया। लोग खिड़कियों के शीशे तोड़कर निकल रहे थे। बेसमेंट में करीब 300-400 छात्र कक्षा ले रहे थे।
इमारत में हर तरफ बच्चों की चीख-पुकार मची
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही छात्रा मानवी ने बताया कि जब उन्हें आग के बारे में पता चला तो वह तुरंत देखने पहुंचे। नजारा बेहद भयावह था। इमारत में हर तरफ चीख-पुकार मची हुई थी। इमारत के बाहरी हिस्से में लगे एसी का सहारा बनाकर लोग उतर रहे थे। कई छात्रों को चोट आई हैं।
सीढ़ियों पर अग्निशमन यंत्रों का ढेर लगा था
घायल छात्र मेहराज ने बताया कि वह चौथी मंजिल पर था। नीचे उतरने के दौरान चोटिल हो गया। दाएं पैर में चोट आई है। जिस रास्ते की तरफ आग लगी थी। वहां अग्निशमन यंत्रों का ढेर लगा था। उनसे आग बुझाने का भी प्रयास किया गया। रास्ता बेहद संकरा था।