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देर रात दिल्ली पहुंचे मुकुल रॉय, बेटे ने किया था लापता होने का दावा

नई दिल्ली (New Delhi)। तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय (Trinamool Congress leader Mukul Roy) के बारे में जानकारी मिली है कि वो सोमवार देर रात दिल्ली पहुंच (Reached Delhi late Monday night) चुके हैं. इससे पहले उनके बेटे शुभ्रांशु रॉय (Shubhranshu Roy) ने दावा किया था कि उनके पिता लापता हैं, वो दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. इसको लेकर परिवार की ओर से एयरपोर्ट पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकुल रॉय सोमवार शाम इंडिगो की फ्लाइट (indigo flight) (6E-898) से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. फ्लाइट को सोमवार रात ही 9:55 बजे दिल्ली में लैंड करना था, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल रहा है। वहीं पुलिस सूत्रों ने कहा था कि अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली। अपनी पत्नी की मौत के बाद लंबे समय से बीमार चल रहे रॉय हाल ही में फरवरी में अस्पताल में भर्ती हुए थे।


टीएमसी से बीजेपी में आ गए थे मुकुल रॉय
पश्चिम बंगाल में BJP के चुनाव हारने के बाद पार्टी के नेता मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। ममता बनर्जी, सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली थी। मुकुल रॉय के TMC में आने पर ममता ने कहा था कि बीजेपी में बहुत ज्यादा शोषण है। वहां लोगों का रहना मुश्किल है। बीजेपी सामान्य लोगों की पार्टी नहीं है. ममता ने कहा कि मुकुल घर का लड़का है. उसकी वापसी हुई है. मेरा मुकुल के साथ कोई मतभेद नहीं है। सीएम ममता ने कहा था कि जिन्होंने टीएमसी के साथ गद्दारी की है, उनको पार्टी में नहीं लेंगे. बाकी लोग पार्टी में आ सकते हैं।

कौन हैं टीएमसी नेता मुकुल रॉय?
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में टीएमसी ने मुकुल रॉय को 6 साल के लिए बाहर कर दिया था. TMC में मुकुल रॉय का कद कभी ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर का हुआ करता था। उन्होंने टीएमसी छोड़ी तो बीजेपी का दामन थाम लिया, वे 1998 से ही बंगाल की राजनीति में हैं. मुकुल रॉय का नाम नारदा स्टिंग केस में भी आया था. मुकुल रॉय अपने करियर की शुरुआत में यूथ कांग्रेस में हुआ करते थे, उस दौर में ममता बनर्जी भी यूथ कांग्रेस में ही थीं. तभी से मुकुल और ममता के बीच राजनीतिक करीबियां बढ़ी थीं। अपने पिता के पीछे पीछे ही उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने सुभ्रांशु को टिकट भी दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे।

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