मुंबई की एक विशेष अदालत ने नाबालिग बच्ची से सेक्स के बारे में बात करने के आरोप में एक शख्स को सजा सुनाई। अदालत ने स्कूल जाने वाली 13 साल की बच्ची से सेक्स (sex) के बारे में बात करने पर बस कंडक्टर को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है।
मामला 2018 का है, जब आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की ने अदालत को बताया था कि वह सरकार द्वारा संचालित सिटी बस सेवा में प्रतिदिन स्कूल जाती थी। वह अकेली बस थी जो मुंबई के पूर्वी उपनगर में उसके घर आती थी।
अदालत ने आरोपी चंद्रकांत सुदाम कोली को POCSO एक्ट की धारा 12 के तहत दोषी पाया। विशेष अदालत ने उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर तीन महीने का कठोर कारावास भुगतना होगा।
ये मामला नेहरू पुलिस स्टेशन (Nehru Police Station) में दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी चंद्रकांत सुदाम कोली केवल 12 दिनों के लिए जेल गया था। सुनवाई के दौरान आरोपी को जमानत मिल गई थी। कोली के वकीलों ने अपील दायर करने के लिए सजा के निलंबन के लिए एक आवेदन दायर किया, जिसे स्वीकार करते हुए विशेष अदालत ने सजा को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया।
क्या था मामला?
बता दें कि बच्ची सरकारी बस से रोज सुबह स्कूल जाती थी और दोपहर तक लौटती थी। जुलाई 2018 में घटना वाले दिन बस में 2 या 3 लोग ही बैठे थे। इस दौरान बस कंडक्टर चंद्रकांत सुदाम कोली उसके पास आया और बगल में बैठ गया। कोली ने बच्ची से पूछा कि क्या वह सेक्स के बारे में कुछ जानती है? जिस पर बच्ची ने कहा कि वह उससे इस तरह के सवाल न पूछें। कंडक्टर कुछ देर के लिए चला गया, लेकिन जब वह बच्ची के पास लौटा तो उसने फिर से सेक्स पर सवाल किया। बच्ची ने फिर उससे इस तरह के सवाल न पूछने के लिए कहा और जैसे ही उसका बस स्टॉप आया, वो बस से नीचे उतर गई।
कुछ दिनों बाद जब लड़की ने बस से स्कूल जाने से मना कर दिया तो पीड़िता की मां ने उससे पूछा लेकिन उसने इसकी जानकारी नहीं दी। मां ने पीड़िता के दोस्त से पूछा तो उसने इसकी जानकारी दी। जिसके बाद मां बच्ची को बस डिपो ले गई। जब लड़की ने कोली की पहचान की, तो मां ने पुलिस को फोन किया और मामला दर्ज कराया।
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