नई दिल्ली (New Delhi) । कनाडा (Canada) का यह मानना कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani leader Hardeep Singh Nijjar) की हत्या (killing) में भारतीय एजेंट (Indian agent) शामिल थे। उसका यह दावा भारतीय अधिकारियों की बातचीत के कॉल रिकॉर्ड पर आधारित हो सकते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा की सरकार ने एक महीने की जांच के दौरान खुफिया जानकारी एकत्र की थी। कनाडाई सरकार (canadian government) के सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है कि कनाडा में मौजूद भारतीय राजनयिकों सहित भारतीय अधिकारियों को सर्विलांस पर रखा गया था। उनके फोन कॉल सुने गए थे।
फाइव आइज गठबंधन में कुछ खुफिया जानकारी दूसरे देश द्वारा साझा की गई थी। उस समूह में कनाडा के अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार जोडी थॉमस ने अगस्त में चार दिन और सितंबर में पांच दिनों के लिए भारत की यात्रा की थी। उनकी दूसरी यात्रा जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की यात्रा को देखते हुए हुई थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि निजी बैठकों में भारतीय अधिकारियों ने निज्जर की हत्या में शामिल होने से इनकार नहीं किया। न्यूयॉर्क में मीडिया से बात करते हुए ट्रूडो ने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में किए गए दावे को दोहराया था। इस दावे में भारत सरकार के एजेंटों और 18 जून को निज्जर की हत्या के बीच लिंक होने की बात कही गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने नई दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मामले को उठाया था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के साथ मेरी सीधी और स्पष्ट बातचीत हुई, जिसमें मैंने स्पष्ट शब्दों में अपनी चिंताएं साझा कीं।” उन्होंने फिर से भारत से आह्वान किया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और इस मामले में पूर्ण पारदर्शिता लाने तथा जवाबदेही और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम करे। भारत पहले ही सार्वजनिक रूप से आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर चुका है।
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