नसरुल्लागंज। आदिवासी महिला द्रोपति मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति निर्वाचित हुई आजादी के अमृत महोत्सव के बीच देश ने आदिवासी समुदाय का पहला राष्ट्रपति चुन कर इतिहास रच दिया भारत में समाज की सबसे वंचित समुदाय की बेटी को तीनों सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर चुनकर लोकतंत्र की महिमा बढ़ाई है, भारतीय जनता युवा मोर्चा के द्वारा नगर नसरुल्लागंज में भारत की नवनियुक्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन के उपरांत आदिवासी बस्ती में पहुंचकर बच्चों को मिठाई वितरित कर उत्सव मनाया गया इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महामंत्री चंद्रकांत खंडेलवाल विधायक प्रतिनिधि राजेश लखेरा महामंत्री कपिल खंडेलवाल पार्षद प्रतिनिधि महेंद्र परिहार युवा मोर्चा के नगर के अध्यक्ष राजेंद्र सोनी नवनियुक्त पार्षद ओम पवार पार्षद प्रतिनिधि रितेश मकवाना पूर्व पार्षद रामदीन पवार आदि उपस्थित रहे इस अवसर पर भाजपा नेता चंद्रकांत खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय इतिहास का आज गौरवशाली क्षण है। पहली बार कोई आदिवासी महिला इस देश की राष्ट्रपति चुनी गई हैं।द्रौपदी मुर्मू का देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचन आजाद भारत के इतिहास के लिए स्वर्णमयी क्षण है। उसके उपरांत विधायक प्रतिनिधि राजेश लखेरा ने कहा कि एक जनजातीय समाज आज अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
बेहद गरीब और पिछड़े परिवार से आने वाली द्रोपति मुर्मू की जिंदगी में कई कठिनाई रही हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपती द्रोपति मुर्मू की स्कूली पढ़ाई गांव में हुई. साल 1969 से 1973 तक वह आदिवासी आवासीय विद्यालय में पढ़ीं.इसके बाद स्नातक करने के लिए उन्होंने भुवनेश्वर के रामा देवी वुमंस कॉलेज में दाखिला ले लिया, मुर्मू अपने गांव की पहली लड़की थीं, जो स्नातक की पढ़ाई करने के बाद भुवनेश्वर तक पहुंची। 2015 से 2021 तक झारखंड की माननीय राज्यपाल रही। Share: