- राहू—केतु के दोष दूर करने का सर्वोत्तम दिन, हस्त नक्षत्र के कारण पूजा का विशेष योग
कल नागपंचमी (Nagpanchami) पर बेहद खास और दुर्लभ योग (Rare Yoga) बन रहे हैं। नागपंचमी (Nagpanchami) पर योग उत्तरा और हस्त नक्षत्र का दुर्लभ योग बन रहा है। इसके अलावा काल सर्प दोष की मुक्ति के लिए इस दिन परिगणित और शिव नामक नक्षत्र भी लग रहा है। इस दिन खास तरीके से पूजा करके लोग काल सर्प दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
पंचांगों ( Panchangs) के अनुसार ये योग 108 साल बाद बन रहे हैं और राहू—केतु ( Rahu-Ketu) के दोषों के अलावा काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosha) से मुक्ति के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक नागपंचमी (Nagpanchami) के दिन लग रहे इस योग में अगर पूजा की जाए तो राहू और केतु ( Rahu-Ketu) दोषों के अलावा काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosha) से भी मुक्ति मिल सकती है। नागपंचमी (Nagpanchami) पर राहू और केतु ( Rahu-Ketu) की पूजा का विशेष योग बनने से इसकी महत्वता और अधिक बढ़ जाती है। नाग ंपंचमी (Nagpanchami) श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही मनाई जाती है। इस दिन नागदेवता के साथ भगवान शिव की पूजा होती है और उनका रूद्राभिषेक किया जाता है। इससे राहू और केतु ( Rahu-Ketu) का बुरा प्रभाव खत्म होता है। पंचमी तिथि आज दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 13 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान 13 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसकी अवधि 2 घण्टे 39 मिनट है।
मंदिरों में नहीं लगेंगे मेले
कल नागपंचमी (Nagpanchami) पर शहर के कुम्हार खाड़ी और किला मैदान पर लगने वाले पारंपरिक मेले कोविड नियमों के तहत नहीं लगेंगे। भक्त केवल पूजन-अर्चन कर सकेंगे, वहीं पीपल्याहाना रोड, छीपा बाखल, खंडवा रोड सहित शहर के विभिन्न मंदिरों में स्थापित नागदेवता की प्रतिमाओं का अभिषेक कर आकर्षक शृृंगार किया जाएगा ।
कालेश्वर धाम में रजत शृंगार
सुदामा नगर कालेश्वर धाम पर कल नागदेवता की विशाल रजत प्रतिमा का शृंगार होगा। संस्थापक भैयाजी के सान्निध्य में दुग्धाभिषेक और रूद्र पाठ के साथ-साथ पुष्पशृृंगार होगा। शाम 4 बजे से आध्यात्मिक समागम होगा। रात 8 बजे नाग महाराज की महाआरती होगी। कालेश्वर धाम के फेसबुक पेज पर इसे देखा जा सकेगा।