- सैद्धांतिक सहमति दी, अप्रैल में हो सकती है शिफ्टिंग
भोपाल। प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीतों की बसाहट जल्द शुरू होने वाली है। अफ्रीका के देश नामीबिया ने भारत को चीता देने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जल्द ही चीता लाने को लेकर अनुबंध होगा। मानसून से पहले 14 से 18 चीता लाए जाएंगे, जिन्हें श्योपुर जिले के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में बसाया जाएगा। पार्क में चीता के लिए विशेष बाड़ा तैयार कर लिया गया है। राज्य सरकार अप्रैल या मई माह से चीता लाने की विधिवत तैयारी शुरू कर देगी।
हाल ही में वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल और मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जसवीर सिंह चौहान समेत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी नामीबिया गए थे। वहां पांच दिन तक चले बैठकों के दौर में भारत एवं नामीबिया के अधिकारियों के बीच 35 से 40 चीता भारत को देने पर सहमति बनी है। ये चीता पांच साल में लाए जाएंगे और देश के अलगअलग चयनित क्षेत्रों में बसाए जाएंगे। अगले चरण में भारत और नामीबिया के बीच चीता की शिफ्टिंग को लेकर अनुबंध होगा। इसके बाद ही चीता लाने की तारीख तय होगी। भारत के अधिकारियों ने इन बैठकों में चीता को लेकर मध्य प्रदेश में हुई तैयारी और कूनो पार्क को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। अधिकारियों का दल आज भारत लौट आया है।
देश में 75 साल बाद दिखेगा चीता
देश में 75 साल बाद चीता लौट रहा है। वर्ष 1947 में कोरिया (अब छत्तीसगढ़) में आखिरी चीता देखा गया था। वर्ष 1952 में भारत सरकार ने भारतीय चीता को विलुप्त घोषित किया था।
चीतों की परबरिश सीखने अफ्रीका जाएंगे कर्मचारी, डॉक्टर
चीतों की शिफ्टिंग से पहले भारत से कर्मचारियों का दूसरा दल मार्च अंत में नामीबिया भेजा जा सकता है। इसमें कूनो पालपुर नेशनल पार्क के संचालक, डाक्टर, चीता की देखरेख करने वाले कर्मचारी शामिल होंगे। यह दल करीब 20 दिन वहां रुकेगा और चीता की देखरेख का प्रशिक्षण लेगा। डाक्टर विभिन्न् स्थिति में उनके इलाज का प्रशिक्षण लेंगे। वहीं चीता के साथ नामीबिया के डाक्टर और देखरेख करने वाले कर्मचारी मप्र आएंगे और करीब छह महीने यहां रहेंगे।