उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

गुड़ी पड़वा के लिए परसों से शिप्रा में आने लगेगा नर्मदा का पानी

  • जलप्रदाय में भी उपयोग करेंगे

उज्जैन। गर्मी शुरु होने से पहले ही लगभग एक पखवाड़े पहले से ही शिप्रा नदी में त्रिवेणी क्षेत्र में भरा पानी सूखने लगा था। यहाँ कई जगह शिप्रा का स्वरूप डबरी जैसा नजर आ रहा है। शिप्रा में परसों से नर्मदा का पानी छोड़ा जाएगा जिसका उपयोग गुड़ी पड़वा पर्व पर किया जा सकेगा। इसके बाद यही पानी गंभीर डेम के साथ मिलाकर जलप्रदाय में उपयोग किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक शिप्रा में दो बार नर्मदा का पानी छोड़ा जा चुका है। नए साल में मकर संक्रांति 14 जनवरी के स्नान पर्व हेतु शिप्रा में नर्मदा का पानी लाया गया था ताकि श्रद्धालु स्नान कर सकें। वहीं इसके बाद दूसरी बार इसी महीने 1 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर फिर से शिप्रा में नर्मदा का पानी आया था। अब 2 अप्रैल को वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर शिप्रा के विभिन्न घाटों पर आयोजित होने वाले सूर्य को अघ्र्य देने सहित विभिन्न कार्यक्रमों के लिए शिप्रा के जल की आवश्यकता है। अभी पिछले दो हफ्ते से त्रिवेणी क्षेत्र में शिप्रा काफी हद तक सूख गई है। गऊघाट स्टाप डेम से लेकर रामघाट तक अभी पानी रोककर रखा गया है। इस कारण यहाँ पानी नजर आ रही है।



हालांकि महाशिवरात्रि पर शिप्रा में नर्मदा का पानी आया था लेकिन कान्ह नदी के कारण यह दूषित और काला पड़ गया था। इसके चलते इसे स्टाप डेम खोलकर बहाना पड़ा था। अब इसी साल की शुरुआत से लेकर अब तक 20 मार्च को तीसरी बार शिप्रा में नर्मदा का पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को शिप्रा में नर्मदा का दो मिलियन क्यूबिक मीटर पानी छोडऩे के लिए पिछले दिनों पत्र लिखा है। गुड़ी पड़वा पर इस पानी का उपयोग होने के बाद पेयजल में भी इसी पानी का उपयोग किया जाएगा। गंभीर के पानी के साथ नर्मदा का पानी भी मिलाकर जलप्रदाय में सप्लाय किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अभी गंभीर डेम में भी तेजी से जलस्तर घट रहा है। बांध में अब 1200 एमसीएफटी के लगभग पानी शेष बचा है और पानी की खपत भी औसतन गर्मी शुरु होने से पहले 11 एमसीएफटी प्रतिदिन तक पहुँच रही है। इस लिहाज से भी आंकलन किया जाए तो 100 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज का हटाया जाए तो डेम में जलप्रदाय हेतु 1100 एमसीएफटी पानी ही बचा है जो वर्तमान खपत के मान से 100 बार जलप्रदाय हो सकेगा।

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