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नाराजगी के बीच हाईकमान से आज मिलेंगे नवजोत सिंह सिद्धू, इस्तीफे पर हो सकता है फैसला

चंडीगढ़। कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पहली बार गुरुवार यानि आज हाईकमान से नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे। शाम छह बजे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के निवास पर हरीश रावत और वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे। मुलाकात के दौरान पंजाब में कांग्रेस के संगठनात्मक मसलों पर चर्चा होगी लेकिन माना जा रहा है कि सिद्धू का बीते दिनों अध्यक्ष पद से दिया गया इस्तीफा अभी तक हाईकमान के पास ही है और इस अवधि के दौरान सिद्धू के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। कहा जा रहा है कि आज की मुलाकात में सिद्धू के इस्तीफे पर फैसला हो सकता है।

सिद्धू की चन्नी सरकार से भी नहीं बन रही
नवजोत सिंह सिद्धू ने हाल के दिनों में चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार पर सवाल खड़े किए। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह उनके निशाने पर थे। डीजीपी और महाधिवक्ता की नियुक्ति के विरोध में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना इस्तीफा दिया था। सिद्धू के समर्थन में मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी अपना इस्तीफा दिया था। हालांकि बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।


चन्नी के बेटे की शादी में नहीं पहुंचे सिद्धू
बिजली, बेअदबी और ड्रग मामले में सिद्धू चन्नी सरकार को घेर चुके हैं। सिद्धू खुद की पसंद की नियुक्ति चाहते थे। इससे साफ हो गया कि पंजाब में चन्नी सरकार के दौरान सिद्धू खुद को सुपर सीएम की भूमिका में रखना चाहते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में पंजाब के जीरकपुर से लखीमपुर तक कांग्रेस ने रोष मार्च निकाला। इस दौरान सिद्धू का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में सिद्धू कह रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम बनाया होता तो फिर दिखाता सक्सेस। सिद्धू सीएम चन्नी के बेटे की शादी में भी नहीं गए, उलटे उसी दिन पंजाब में बिजली संकट को लेकर चन्नी सरकार पर निशाना साधने से नहीं चूके।

सिद्धू को लेकर नेतृत्व की नाराजगी नहीं हुई खत्म
नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी अभी भी बनी हुई है। इस्तीफे के तरीके और समय को लेकर राहुल गांधी सबसे अधिक नाराज हैं। प्रियंका ने भी सिद्धू को लेकर अपने हाथ खींच लिए हैं। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी हरीश रावत के साथ होने वाली बैठक के बाद साफ हो जाएगा कि सिद्धू का पार्टी में कद और भविष्य क्या होगा। चूंकि सिद्धू ने ही इस्तीफे की पहल की है इसलिए इस बात की संभावना अधिक है कि इस्तीफा मंजूर किए जाने की उन्हें सूचना दी जाए।

सूत्रों का कहना है कि अगर सिद्धू अपने फैसले को लेकर गलती स्वीकार कर लेते हैं तो पद पर बने रहेंगे। पार्टी नेतृत्व नहीं चाहता है कि इस तरह की नजीर बने और मनमाने ढंग से शर्तों के साथ इस्तीफे दिए और वापस लिए जाएं। चूंकि लखीमपुर खीरी मामले में सिद्धू ने खुद बढ़कर प्रियंका के राज्य उत्तर प्रदेश में सक्रियता दिखाई है इसलिए कुछ लोग उन्हें मौका देने के भी पक्ष में हैं।

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