नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वैक्सीन डोज देने में लापरवाही (Negligence in giving corona vaccine dose) का मामला सामने आया है। एक शख्स को कोरोना वैक्सीन की दो बार पहली डोज (first dose of corona vaccine twice) दे दी गई. वह पहले कोवैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके थे. वैक्सीनेशन सेंटर पर उन्हें फिर से कोविशील्ड की फर्स्ट डोज दी गई।
दिल्ली में लक्ष्मण पंडित नाम के शख़्स का दावा है कि उनको अप्रैल में पहली डोज लगी. यह डोज कोवैक्सीन की थी. जब लक्ष्मण अपनी दूसरी डोज लेने के लिए वैक्सिनेशन सेंटर गए तो वहां से डोज लगवाने के बाद जो मैसेज आया. उसे अपने एक परिचित को पढवाकर वह हैरान हो गए, उन्हें मालूम चला कि उन्हें दूसरी बार वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगी है बल्कि उन्होंने भी कोविशील्ड की पहली डोज लगा दी गई है.
अप्रैल में ली थी कोवैक्सीन की पहली डोज
पंडित ने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी थी कि मुझे कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगनी है, क्योंकि मुझे पहली वैक्सीन डोज लग चुकी थी. लेकिन दुबारा मेरे मोबाइल पर फर्स्ट डोज का मैसेज आया. उन्होंने आगे बताया कि मैंने कॉलोनी के एक परिचित को दोनों संदेश दिखाए, जिन्होंने इसकी पुष्टि की. लक्ष्मण पंडिता का कहना है कि मैंने अप्रैल में मुखमेलपुर के एक डिस्पेंसरी में कोवैक्सिन की पहली डोज लगवाई थी. उसके बाद लॉकडाउन में बिहार चला गया. पंडित ने बताया कि बाढ़ के कारण मैं उस डॉक्यूमेंट को नहीं सहेज सका जो मुझे कोवैक्सीन की डोज का प्रूफ थी.
मैसेज दिखाया फिर भी लगा दी कोविशील्ड
जब पंडित कादीपुर स्कूल में वैक्सीनेशन सेंटर गए, तो उन्होंने उन्हें वह टेक्स्ट मैसेज दिखाया जो उन्हें पहली डोज के बाद मिला था. इसलिए तकनीकी रूप से उन्हें कोवैक्सिन की दूसरी खुराक देनी चाहिए थी लेकिन उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई. उनके परिचित विकास सैनी ने CoWin साइट पर चेक किया तो उसमें पता लगा कि उन्हें पहली डोज के रूप में Covaxin लगाई गई थी.
लक्ष्मण का आरोप- कोवैक्सीन का फाड़ा सर्टिफिकेट
लक्ष्मण का आरोप है कि उनकी कोवैक्सीन के सर्टिफ़िकेट को फाड़ दिया गया और उनको कहा गया कि अब अगले डोज के लिए 84 दिन बाद आएं. लक्ष्मण ने कहा कि वैक्सीन लगवाने के चार घंटे बाद, मुझे सिरदर्द, बुखार और जी मिचलाने की शिकायत हुई. बहुत सारा पानी पीने के बावजूद मेरा मुंह सूख गया. तब से मैं खा नहीं पा रहा हूं. लक्ष्मण रूंधे गले से बताते हैं कि मैं अनपढ़ हूं. पढ़ नहीं पाता. मैंने उनको साफ शब्दों में कहा था कि आप ये पढ़ लीजिए. फिर की सुई लगा दीजिए. लेकिन ये पढ़ने के बाद भी मेरे साथ गलत सलूक किया गया और अब मैं दूसरी वैक्सीन लगाने नहीं जाऊंगा.
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