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नेतन्याहू का जंगी अल्टीमेटम, अगर इजरायल में मिसाइलें आई तो ईरान का होगा बुरा हाल

June 23, 2025

तेहरान। ईरानी मिसाइलों (Iranian missiles) से हाइफा और तेल अवीव जैसे इजरायली शहरों में मची तबाही के बाद अब जंग और तेज होती जा रही है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने साफ कर दिया है कि ईरान पर हमला तब तक नहीं रुकेगा, जब तक जंग के सारे लक्ष्य पूरे नहीं हो जाते। नेतन्याहू ने चेतावनी देते हुए कहा कि इजरायल “जरूरत से ज़्यादा कुछ नहीं करेगा”, लेकिन जो करेगा, वह निर्णायक और तबाही लाने वाला होगा। इस बीच, मिसाइलों और ड्रोन हमलों की बरसात के बीच आम इजरायलियों में खौफ का माहौल है।


नेतन्याहू का जंगी अल्टीमेटम
नेतन्याहू ने सोमवार को स्पष्ट किया कि ईरान के खिलाफ चल रहा सैन्य अभियान उसी समय समाप्त होगा जब इज़रायल अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इज़राइल जरूरत से ज़्यादा कोई कार्रवाई नहीं करेगा। नेतन्याहू ने कहा, “हमारा उद्देश्य स्पष्ट है – ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं को कमजोर करना। जब तक यह उद्देश्य पूरा नहीं होता, अभियान जारी रहेगा। लेकिन हम अनावश्यक युद्ध नहीं चाहते।”

अमेरिकी बॉम्बर्स ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया
B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने मिसूरी से उड़ान भरकर लगातार 37 घंटे हवा में रहते हुए ईंधन भरा और तीन प्रमुख ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “बेहद सफल” हमला बताते हुए चेतावनी दी “या तो ईरान शांति करे या फिर हमले जारी रहेंगे।”

अमेरिकी हमलों का ईरान ने इजरायल को दिया जवाब
अमेरिका के हमलों के बाद ईरानी सेना ने 20वीं मिसाइल लहर में तेल अवीव, हाइफ़ा, रमत अवीव, नेस ज़ियोना, बेन गुरियन एयरपोर्ट समेत 10 से अधिक शहरों को निशाना बनाया।

ईरान ने पहली बार इजरायल पर खैबरशेकन मिसाइलों का इस्तेमाल किया। ये मिसाइलें 1450 किमी तक मारक क्षमता की हैं और मल्टी वॉरहेड हैं, आवाज से तीन गुना तेज। इन मिसाइलों ने इजरायली आयरन डोम सिस्टम को भी चकमा दे दिया। AI अनुसंधान केंद्र, साइबर कमांड और जैविक रिसर्च लैब समेत कई रणनीतिक ठिकानों पर हमले की पुष्टि हुई है।

इज़रायल के शहरों में मलबे का ढेर
ईरानी हमलों में तेल अवीव और हाइफ़ा में कई घरों के ढांचे तक उजड़ गए, सड़कों पर मलबा और खून फैला मिला। कम से कम 50 मिसाइलें इज़रायली ज़मीन पर गिरीं, जबकि एयर डिफेंस ने सैकड़ों को इंटरसेप्ट किया।

अमेरिका में भी सियासी हड़कंप
उधर, अमेरिका के ईरान पर किए हमलों से अमेरिका में सियासी हड़कंप मच या है। ट्रंप को अपने देश में ही राजनीतिक घेराबंदी का सामना करना पड़ रहा है। सीनेट नेता चक शूमर भारतीय मूल के सांसद रो खन्ना ने वॉर पावर एक्ट से ट्रंप की सैन्य शक्ति को सीमित करने की मांग की है। डेमोक्रेट सांसदों का आरोप है, “एकतरफा हमले कर ट्रंप ने अमेरिका को युद्ध में झोंका है। उन्हें जवाब देना होगा कि उन्होंने किसकी अनुमति से यह किया?”

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