अब 24 घंटे में अज्ञात शव का पोस्टमार्टम होगा, संभागायुक्त ने तय की जिम्मेदारियां
इन्दौर। एमवाय अस्पताल के शवगृह की लापरवाही लगातार उजागर होने और देशभर में हल्ला मचने के बाद अब संभागायुक्त ने नई गाइड लाइन तय की है। अज्ञात शव का 24 घंटे में पोस्टमार्टम कर उसकी रिपोर्ट पुलिस को देने के साथ ही सभी की जिम्मेदारियां भी तय कर दी हैं। फोरेंसिक विभाग को शवगृह और शवों के प्रबंधन का उत्तरदायी बनाया गया है तो अब बेहतर प्रबंधन और समयसीमा में कार्य के लिए शवगृह प्रभारी की नियुक्ति भी अलग से की जाएगी।
अभी लगातार एमवाय अस्पताल के शवगृह, यानी मच्र्यूरी में अज्ञात शवों को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई। इसको लेकर मीडिया में भी जमकर हल्ला मचा। लिहाजा संभागायुक्त डॉ. पवनकुमार शर्मा ने नई गाइड लाइन तय करवाई, जिसके मुताबिक एमएलसी मृत्यु, एमवाय में इलाज के दौरान हुई एमएल या नॉन- एमएलसी मृत्यु के साथ अज्ञात शवों को अनिवार्य रूप से कोल्ड चैंबर में रखा जाएगा और सभी शवों का दस्तावेजीकरण होगा। कैजुअल्टी में आने वाले हर शव का रजिस्ट्रेशन काउंटर पर शवपंजी में दर्ज किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ही अज्ञात और एमएलसी के लिए अलग रजिस्टर रखना होंगे और शव प्राप्ति पर संबंधित थाने को तत्काल सूचित करना होगा। प्रतिदिन शवों के संबंध में रिकार्ड अपडेट कर थाना और फोरेंसिक विभाग के रजिस्टर में उसकी एंट्री होगी। ज्ञात शव के निपटान हेतु परिवार और संबंधी से रोजाना संपर्क कर शव का निराकरण कराया जाएगा। शवगृह प्रभारी द्वारा अज्ञात शव एमएलसी रजिस्टर का निरीक्षण अनिवार्य रहेगा और यह भी तय किया जाएगा कि सभी शवों का प्रतिदिन नियत समयसीमा में निपटान किया जा सके। संभागायुक्त ने सभी की जिम्मेदारी तय कर दी है और उसमें लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना से मौतें बढऩे पर ऑडिट कमेटी की बैठक
अभी औसतन 5 से 6 मौतें रोजोना कोरोना के चलते हो रही हैं, जिसके चलते संभागायुक्त ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से डेथ आडिट कमेटी की बैठक ली, जिसमें सभी निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि डॉक्टरों के अलावा एमजीएम मेडिकल कालेज और संभाग के सभी जिलों के सीएमएचओ शामिल हुए। 6 से 16 सितंबर तक हुई डेथ के आडिट फार्मेट का अवलोकन किया गया और सीएमएचओ को निर्देश दिए कि सार्थक ऐप पर जिले के सभी निजी डॉक्टर को रजिस्टर्ड कर उन्हें निर्देश दिए जाएं कि हर कोरोना लक्षण वाले मरीज की जानकारी जिला प्रशासन व सीएमएचओ कार्यालय को दें।