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नए साल में शनि देव का कुंभ राशि में होगा गोचरीय परिवर्तन, जानिए राशियों पर क्‍या पड़ेगा प्रभाव

नई दिल्‍ली। मकर एवं कुंभ राशि (Capricorn and Aquarius) के स्वामी ग्रह शनि देव (Shani Dev) का गोचरीय परिवर्तन अपनी पहली राशि मकर से अपनी दूसरी राशि कुंभ में माघ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार की रात में 4 बजकर 30 मिनट पर धनिष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण से धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में होने जा रहा है। शनि देव कुंभ राशि में लगभग ढाई वर्षो तक रहकर अपना संपूर्ण प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति सहित चराचर जगत पर स्थापित करेंगे ।

शनिदेव शनै शनै चलने वाले ग्रह है अर्थात धीरे धीरे गति करने वाले ग्रह हैं लेकिन अपने प्रभाव में मजबूती प्रदान करते हैं। कुम्भ राशि मे शनि देव अपने प्रभाव में संपूर्णता प्रदान करेंगे । इस परिवर्तन के साथ न्याय कर्ता के रूप में प्रत्येक व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव स्थापित करेंगे और इसका निर्धारण होगा व्यक्ति के अपने कर्म के अनुसार अर्थात व्यक्ति जिस प्रकार का कर्म करेगा उसी प्रकार का उसे फल प्रदान करेंगे । न्यायधीश शनि देव मेष राशि में नीच स्थिति को प्राप्त करते हैं तुला राशि में उच्च स्थिति को प्राप्त करते हैं तथा मकर और कुंभ में स्वगृही होकर प्रभाव स्थापित करते है। सिंह लग्न अथवा राशि वालों पर शनि देव किस प्रकार का प्रभाव स्थापित करने जा रहे हैं इसको जानेंगे।


सिंह :- सिंह लग्न अथवा सिंह राशि वालों के लिए शनिदेव का परिवर्तन सप्तम भाव अर्थात दांपत्य भाव पर हुआ है। सप्तमेश होकर अपनी राशि में गोचर करेंगे। ऐसी स्थिति में दांपत्य सुख में वृद्धि , प्रेम संबंधों में सुधार की स्थिति, साझेदारी के कार्यों में प्रगति की स्थिति बनेगा। नए व्यापारिक संबंध की स्थिति बनेगी। शनिदेव की नीच दृष्टि भाग्य भाव पर होने के कारण भाग्य में सामान्य तनाव, कार्यों में अड़चन के बाद प्रगति की स्थिति बनेगी। पिता के स्वास्थ्य को लेकर के भी थोड़ा सा सतर्क रहने की विशेष तौर पर आवश्यकता है। कर्म के फलों में देरी या अवरोध की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। शनिदेव की सप्तम दृष्टि लग्न अर्थात शरीर भाव पर होगा। ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। विचारों में अस्थिरता। हड्डी में चोट, मानसिक चिंता, सिर की समस्या इस अवधि में तनाव दे सकता है।

शनिदेव की अगली दृष्टि चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव पर होने के कारण माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता की स्थिति , सीने की तकलीफ अथवा घबराहट की स्थिति , वाहन एवं घर से संबंधित कार्यों में प्रगति एवं परिवर्तन देखने को मिलेगा। स्थान परिवर्तन का भी योग बनेगा। समय समय पर श्री हनुमान जी महाराज की पूजा आराधना प्रगति में वृद्धि कराएगा।

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