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नीतीश कुमार का तेजस्वी से तकरार, भाजपा से प्यार; जानिए सियासी हलचल

नई दिल्ली (New Delhi)। बिहार (Bihar) में इस समय एक बार फिर सियासी घमासान जारी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज फिर एकबार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। अगर शपथ ग्रहण की नौबत आती है तो यह नौवां ऐसा मौका होगा, जब वह सीएम पद की शपथ लगें। नीतीश कुमार के इस फैसले से बिहार में सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ (India) के साथ-साथ इंडिया गठबंधन के लिए भी परेशानी पैदा होगी।
आपको बता दें कि नीतीश को ही इंडिया गठबंधन का सूत्रधार माना जाता है और वह खुद इससे अलग हो रहे हैं। जेडीयू के तमाम सूत्र इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।



बिहार में चल रहे राजनीतिक संकट की 10 बातें

1- बिहार में 2013 के बाद से नीतीश अदला-बदली कर बना रहे सरकार
नीतीश कुमार 2013 के बाद से भाजपा, कांग्रेस और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं। 2022 में भाजपा से अलग होने के बाद, उन्होंने 2024 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की पहल की थी।

2- कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के बाद शुरू हुईं अटकलें
नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने की अटकलें तब शुरू हुईं जब भाजपा ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया। कर्पूरी ठाकुर प्रतिष्ठित समाजवादी नेता थे जो 1970 के दशक में दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। आज भी कर्पूरी ठाकुर को ‘जन नायक’ या ‘जनता के नेता’ के रूप में याद किया जाता है।

3- गणतंत्र दिवस पर नीतीश राजभवन गए, तेजस्वी नहीं
नीतीश कुमार गणतंत्र दिवस पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए, इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इससे जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच कलह का संकेत मिला।

4- सुशील मोदी के बयान से अटकलों को गति
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने बयान दिया कि राजनीति में कोई दरवाजा बंद नहीं होता। जरूरत पड़ने पर दरवाजा खोला जा सकता है। इस बयान के बाद अटकलों को और गति मिली।

5- इंडिया का संयोजक न बनाया जाना निर्णायक मोड़
नीतीश कुमार के करीबी नेताओं के अनुसार 13 जनवरी को इंडिया गठबंधन की बैठक इस पूरे मामले में निर्णायक मोड़ थी। इस बैठक में संयोजक के तौर पर नीतीश कुमार का नाम सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने प्रस्तावित किया था। लालू यादव और शरद पवार सहित लगभग सभी नेताओं ने इसका समर्थन किया था। लेकिन राहुल गांधी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि इस पर निर्णय के लिए इंतजार करना होगा क्योंकि ममता बनर्जी को इस भूमिका के लिए नीतीश कुमार पर आपत्ति है।

6- इंडिया को अलविदा करने की सुगबुगाहट तेज
पूरे बिहार में राजनीतिक गतिविधियों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है, जिससे उन खबरों को बल मिल रहा है कि नीतीश कुमार अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गुट इंडिया को अलविदा कह देंगे।

7- प्रशासनिक तबादले
राजनीतिक उथल पुथल के बीच बिहार सरकार ने शुक्रवार को 22 भारतीय प्रशासनिक सेवा, 79 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और 45 बिहार प्रशासनिक सेवा (बीएएस) के अधिकारियों का तबादला कर दिया।

8- भाजपा ने बुलाई बैठक
सियासी तूफान के बीच भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा के लिए शनिवार को बैठक बुलाई, जिसमें नीतीश कुमार के साथ संभावित गठबंधन का संकेत मिला। हालांकि बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अटकलों को खारिज किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पर्दे के पीछे चर्चा चल रही है।

9- राजद ने भी विधायकों के साथ बैठक की
संकट के बीच कांग्रेस और राजद दोनों दलों ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई। राजद के विधायकों की बैठक तेजस्वी यादव के आवास पर हुई। वहीं कांग्रेस ने विधायकों तथा पूर्व विधायकों की पूर्णिया में बैठक बुलाई थी, हालांकि कांग्रेस की बैठक टल गई, अब रविवार को होगी।

10- आज जदयू विधायक दल की बैठक
नीतीश कुमार ने रविवार सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। रिपोर्टों की माने तो वह कल बाद में भाजपा से हाथ मिला सकते हैं और नौंवीं बार मुख्यमंत्री पद के लिए आधिकारिक तौर पर दावा पेश कर सकते हैं।

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