नहीं पास हो रहे हैं कालोनियों के नक्शे
इंदौर। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (Town and Country Planning) (टीएंडसीपी) विभाग को अब तक ग्रेटर रिंग रोड के अलायमेंट को लेकर कोई अधिकृत जानकारी नहीं है। विभाग ने करीब दो महीने पहले नेशनल हाईवेज अथॉरिटी (National Highways Authority) को पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी, जो अब तक नहीं मिली है। इस कारण कालोनियों के नक्शे पास नहीं हो रहे हैं।
शहर के चारों तरफ 139 किलोमीटर लंबी ग्रेटर रिंग रोड बनाई जाना है। पश्चिमी हिस्से की लंबाई 65 से 70 किलोमीटर होने का अनुमान है और इसके निर्माण पर 2500 से 3000 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। इसके लिए लगभग 500 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। नई पश्चिमी रिंग रोड शिप्रा से पीथमपुर तक बनाई जाना है, प्रोजेक्ट की सैद्धांतिक सहमति तो मिल गई है, लेकिन औपचारिक स्वीकृति आने का इंतजार है। इसके बाद ही रोड अलायमेंट की जानकारी दी जा सकेगी।
फिलहाल हो रहा ड्रोन सर्वे
स्वीकृति की प्रत्याशा में एनएचएआई ने पश्चिमी हिस्से की रिंग रोड का ड्रोन सर्वे बीते महीने शुरू करवाया है। इसमें यह देखा जा रहा है कि रोड का जो संभावित अलायमेंट है, उसके निर्माण में कहां बस्तियां, तालाब, नदी-नाले आदि हैं, यह सर्वे पूरा होने में अभी कम से कम दो महीने का समय और लगेगा।