उज्जैन। 60 घंटे का लॉकडाउन (लॉकडाउन ) खत्म होते ही 19 अप्रैल तक का कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) लागू हो गया है जिसका असर शहर में दिखाई नहीं दे रहा है। सड़कों पर लोग निकल पड़े हैं। जिन्हें छूट नहीं मिली उन्होंने भी दुकानें खोल ली है। लग रहा है कि लापरवाही और भी भयावह रूप ले सकती है। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए सोमवार से कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) लागू कर दिया गया है। जिसमें प्रशासन द्वारा कुछ रियायत दी गई है, लेकिन लोगों ने रियायत को समझने का प्रयास नहीं किया है। शहर के गली मोहल्लों में किराना दुकानों को खोलने का समय सुबह 11 से शाम 5 बजे तक का दिया गया है।
दुकानदारों ने सुबह 9 बजे ही दुकानों के शटर खोल लिए थे। पेट्रोल पंपों को भी समयावधि में खुला रखा है जहां लोग पेट्रोल बनाने के लिए कतार लगाते दिखाई दे रहा है। जिन दुकानों को रियायत नहीं दी गई थी उन दुकानदारों ने भी सुबह के अपनी दुकानों को खोल लिया था। सड़कों पर लोगों की आवाजाही देख लग रहा था मानो कोरोना कर्फ्यू लगाना बेईमानी है। लोग घरों में रहना पसंद नहीं कर रहे हैं। युवा वर्ग तो पूरी तरह से लापरवाह दिखाई दे रहा है। कोरोना की भयावहता की बातें तो सभी कर रहे हैं, लेकिन संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। लोगों द्वारा रोजी रोजगार और व्यवसाय की बात कही जा रही है यह जरूरी भी है परंतु सड़कों पर देखा जा सकता है कि लोग बेवजह ही निकल रहे हैं।
पुलिस के पूछने पर तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं। संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए मैदान में तैनात पुलिसकर्मी बेबस नजर आ रहे हैं और खुद को संक्रमण से घीरता पा रहे हैं। दो दिनों से 200 पार पहुंच रहा कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा कोरोना की दूसरी लहर का अंदेशा सभी को महसूस हो रहा है। चंद दिनों में ही संक्रमित मरीजों की संख्या 1400 पार कर चुकी है। जिस तरह से लगातार पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं उसके हिसाब से स्वस्थ होने वालों की संख्या आधे से भी काफी कम दिखाई दे रही है।
बता दें कि शनिवार को उज्जैन क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में तय किया गया था कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाएगा। आम लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए फेरी वालो के जरिए सब्जी घरों तक पहुंचाने और आम लोगो को सब्जी मंडी में जाने पर रोक लगाई गई थी।
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