लखनऊ। भाजपा (BJP) ने किसानों को ही नहीं नौजवानों को धोखा दिया है। भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र (घोषणा-पत्र) (manifesto) में हर साल लाखों लोगों को नौकरी (Millions of people get jobs every year) देने का वादा किया था, लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिली। कोरोना संक्रमण काल में हुए लाॅकडाउन के दौरान लाखों नौजवानों की नौकरियां छूट गई। खुद सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश-प्रदेश में बेरोजगारी की दर के रिकार्ड टूट चुके हैं। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही।
गौरतलब है कि जहां सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है, वहीं वर्तमान सरकार के सवा चार वर्ष में सवा चार लाख लोगों को नौकरी दी गई। इसका विभाग सह विवरण सरकार की ओर से कई बार दिया जा चुका है।
सपा सुप्रीमो ने कहा है कि भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में अब चंद महीने ही बचे हैं। तमाम दावों के बावजूद न तो बाहर से पूंजी निवेश हो रहा है, नहीं उद्योग लग रहे हैं। मध्यम और लघु उद्योगों की हालत खराब है। रोजगार के अवसर समाप्त हो रहे हैं। बेरोजगारी के इस दौर में लाखों नौकरियां बांटने का तमाशा हो रहा है, जबकि आए दिन नौजवान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस उन पर लाठियां बरसा रही है। शासन-प्रशासन उनकी बात सुनना नहीं चाहता।
अखिलेश यादव ने कहा कि फरवरी 2020 में भाजपा सरकार ने खुद माना था कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगभग 34 लाख पहुंच गई है जो कि 2018 के सरकारी आंकड़ों से यह संख्या 54 प्रतिशत अधिक बैठती है। 2020 फरवरी तक ही 12 लाख से अधिक युवाओं ने खुद को बेरोजगार बताकर सरकारी वेबसाइट पर अपने को पंजीकृत कराया था। मुख्यमंत्री जी ने 4 वर्ष की समाप्ति पर 4 लाख रोजगार देने का दावा कर प्रदेश के लाखों नौजवानों को सिर्फ गुमराह किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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