नई दिल्ली । उपन्यासकार अब्दुलरजाक गुरनाह (Novelist Abdulrazaq Gurnah) को साहित्य का प्रतिष्ठित नोबल पुरस्कार (Nobel Prize 2021 In Literature) दिया गया है। यह घोषणा रॉयर स्वीडिश अकादमी की ओर से गत दिवस उनके नाम की गई। इसमें बताया गया कि उन्हें ‘उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच शरणार्थी के भाग्य के उनके दृढ़तापूर्ण और करुणामय चित्रण’ के लिए सम्मानित किया गया है।
गुरनाह का जन्म 1948 में हुआ था और वह हिन्द महासागर में जांजीबार द्वीप पर पले-बढ़े हैं। 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में वह इंग्लैंड गए। उनके अबतक दस उपन्यास और कई लघु कथाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका लेखन कार्य ज्यादातर शरणार्थी के विषय के इर्द-गिर्द रहा है।
साहित्य में 1901 से 2021 के बीच 114 बार नोबेल पुरस्कार दिया गया है और यह 118 साहित्यकारों को मिला है। चार बार नोबेल पुरस्कार दो लोगों को एक साथ दिया गया है। अबतक 16 महिलाएं यह पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।
नोबेल भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र में दिया जाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा व प्रतिष्ठित पुरस्कार है। सभी विधाओं में पुरस्कार विजेताओं को दिसंबर में अलफ्रेड नोबेल के निधन की वर्षगांठ पर सम्मानित किया जायेगा। इन सभी को स्वीडन के महाराज सम्मानित करेंगे।
पुरस्कार के तौर पर नोबेल डिप्लोमा, एक पदक और 1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 8 करोड़) की राशि दी जायेगी। एजेंसी
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