संयुक्त राष्ट्र । भारत (India) आर्थिक बदहाली (Economic Crisis) से जूझ रहे अफगानिस्तान (Afghanistan) की अनाज और दवाई ( Food-Medicine) के रूप में लगातार मानवीय मदद कर रहा है. भारत ने मदद की अपनी मुहिम के तहत अब तक अफगानिस्तान (Afghanistan) को 40,000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं भेजा है, जिससे इस निकटवर्ती पड़ोसी और काबुल (Kabul) के लंबे समय से साझेदार के रूप में स्थिति सुनिश्चित हो गई है. बतादें कि यह तब है जबकि पिछले साल अगस्त यहां तालिबान शासन स्थापित है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, संयुक्त राष्ट्र में देश की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने अफगान लोगों के साथ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, “जैसा कि हमने सुरक्षा परिषद (UNSC) में बार-बार कहा है, भारत चाहता है कि शांति और स्थिरता की वापसी सुनिश्चित हो, पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के लंबे समय से बने आ रहे हमारे संबंध और प्रगाढ़ हों. साथ ही साथ अफगान लोगों के साथ हमारे मजबूत ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं.”
अफगान लोगों को मानवीय जरुरतों के बारे में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि भारत की ओर से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेजे गए हैं. उन्होंने कहा, “अफगान लोगों की मानवीय आवश्यकता के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई तत्काल अपील के जवाब में, भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय मदद के रूप में कई शिपमेंट भेजे हैं. इसमें 10 बैचों में 32 टन मेडिकल सहायता भी शामिल है, जिसमें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, एंटी-टीबी दवाएं और कोरोना वैक्सीन की 50,0000 खुराक शामिल हैं. इसके साथ ही रुचिरा कंबोज ने कहा, “ये मेडिकल खेप विश्व स्वास्थ्य संगठन और काबुल के इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल को सौंप दी गई हैं.” उन्होंने गेहूं के बारे में कहा, “भारत ने अब तक अफगानिस्तान को 40,000 मीट्रिक टन से अधिक गेहूं भी भेजा है.”
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