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विक्की-शाहिद नहीं, सबसे पहले अमिताभ ने निभाया अश्वत्थामा का किरदार

नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदी सिनेमा की ‘महानायक’ (Hindi cinema’s ‘Great Hero’) कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) एक बार फिर से फिल्म फैन्स एके चर्चाओं का मुद्दा बने हुए हैं. वजह है, डायरेक्टर नाग अश्विन (Director Nag Ashwin) की पैन इंडिया फिल्म ‘कल्कि 2898 AD’ (Pan India film ‘Kalki 2898 AD’) से उनका लुक. मेकर्स ने फिल्म से अमिताभ के लुक के साथ एक छोटा सा टीजर शेयर (Share a small teaser) किया, जिसमें सामने आया कि वो फिल्म में अश्वत्थामा (Ashwatthama) का किरदार निभा रहे हैं. वीडियो में अमिताभ का किरदार एक प्राचीन से मंदिर में बैठा है और खा रहा है कि अब उसका समय आ गया है, अब ‘धर्मयुद्ध’ का समय आ गया है।


इस वीडियो में अमिताभ के यंग लुक की भी एक झलक मिलती है और फिल्म में उनके किरदार का जो उम्रदराज वर्जन है, उसका लुक भी बहुत दिलचस्प है. इस लुक में अमिताभ, और उनके कैरेक्टर आर्क का आईडिया देखने के बाद ही फैन्स की एक्साइटमेंट जबरदस्त बढ़ चुकी है. गुरु द्रोण के पुत्र, अश्वत्थामा के रोल में अमिताभ जितना कमाल लग रहे हैं, उतना ही बड़ा कमाल मेकर्स ने अमिताभ को इस रोल में पेश करके कर दिया है।

अश्वत्थामा को बड़े पर्दे पर लाने की होड़
भारत के सबसे महत्वपूर्ण महाकाव्यों में से एक ‘महाभारत’ के पात्र अश्वत्थामा पर फिल्म बनाने की जैसे कोई होड़ सी छिड़ी हुई है. इस रेस की शुरुआत हुई 2019 में. ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी दमदार फिल्म लेकर आई एक्टर विक्की कौशल और डायरेक्टर आदित्य धर की जोड़ी ने एक प्रोजेक्ट अनाउंस किया, जिसका खूब हल्ला हुआ. इसका नाम था ‘द इमोर्टल अश्वत्थामा’।

विक्की कौशल को लीड में लेकर, महाभारत के अविजित योद्धा अश्वत्थामा पर आदित्य ने एक सुपरहीरो फिल्म बनाने की अनाउंसमेंट की. विक्की ने फिल्म के लिए मार्शल आर्ट्स और तमाम तरह की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी. मगर इस बीच लॉकडाउन लगा और ये प्रोजेक्ट अटक गया. खबरों से पता चलता है कि आदित्य ने बीच-बीच में इस प्रोजेक्ट को खड़ा करने की बहुत कोशिश की, मगर ये पॉसिबल नहीं हुआ।

इसी साल फरवरी में आदित्य ने अनाउंस किया कि उनके विजन के हिसाब से ‘द इमोर्टल अश्वत्थामा’ को जिस तकनीक और स्केल की जरूरत है, उसमें जितना बजट लगेगा उसके लिए बॉलीवुड अभी रेडी नहीं है. उन्होंने कहा कि वो इसे अनाएंगे जरूर मगर जब मार्किट इसके लिए रेडी होगा।

इधर विक्की की फिल्म ठंडे बस्ते में गई, उधर एक दूसरे प्रोडक्शन हाउस ने शाहिद कपूर को लीड रोल में लेकर एक अलग फिल्म ‘अश्वत्थामा’ अनाउंस कर दी. इसे सचिन रवि डायरेक्ट करने जा रहे हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि सचिन भी 2019 से एक सुपरहीरो प्रोजेक्ट को स्टार्ट करने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें कन्नड़ सुपरस्टार शिवा राजकुमार काम करने वाले थे. इस प्रोजेक्ट में अश्वत्थामा का किरदार था और वो बाद में इसपर एक अलग स्पिन-ऑफ बनाने वाले थे।

मगर कन्नड़ प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका और वो अब हिंदी में सिर्फ अश्वत्थामा वाले पोर्शन को एक अलग स्क्रिप्ट के साथ आगे बढ़ा रहे हैं. शाहिद कपूर उनके अश्वत्थामा होंगे. इस बीच ‘कल्कि 2898 AD’ के मेकर्स चुपचाप अपनी फिल्म बनाते रहे, जिसकी कहानी का कोई आईडिया किसी को नहीं था. अब जब अमिताभ का फिल्म से किरदार सामने आया है तो एक सरप्राइज ये भी है कि विक्की कौशल और शाहिद कपूर से पहले बच्चन साहब अश्वत्थामा बन चुके हैं. ये तो साफ है कि इधर कुछ सालों से फिल्ममेकर्स बड़ी शिद्दत से अश्वत्थामा को पर्दे पर जीवित (या कही पुनर्जीवित!) करने में लगे हैं. ऐसे में एक जाहिर सा सवाल उठता है…

अचानक क्यों उमड़ रहा है सिनेमा का अश्वत्थामा प्रेम?
पिछले कुछ सालों में भारतीय संस्कृति की तरफ लौटता सिनेमा नई और ग्रैंड कहानियों की तलाश में है. और इनके लिए भारतीय महाकाव्यों से बेहतर स्रोत शायद ही कोई हो. ऑडियंस ये जानती ही है कि कैसे एक समय रामायण पर बेस्ड कई प्रोजेक्ट्स परकाम शुरू हुआ था, जिसमें से ‘आदिपुरुष’ बनकर फ्लॉप भी हो चुकी है. जबकि नितेश तिवारी की रामायण पर काम अब जाकर शुरू हुआ है।

साउथ में भी मेकर्स अपनी माइथोलॉजी से कहानियां निकालकर, उन्हें नए सिनेमेटिक कलेवर में पेश कर रहे हैं. इस कोशिश ने ही ‘कार्तिकेय 2’ और ‘कांतारा’ जैसी हिट्स दी हैं. ऐसे में प्राचीन गौरवशाली गाथाओं और प्रेजेंट के बीच ब्रिज बनते सिनेमा को नेचुरली अश्वत्थामा जैसा किरदार से प्रेम होना ही था, जिसे माइथोलॉजी में चिरंजीवी बताया गया है।

मिथक बताते हैं कि महाभारत के अपराजित योद्धा अश्वत्थामा अपने ललाट पर एक मणि के साथ जन्मा था जिससे भूख, प्यास, थकान, वृद्धावस्था, बीमारी और अस्त्र-शस्त्र उसपर कोई असर ही नहीं कर सकते. लेकिन कौरवों और पांडवों के साथ शस्त्र-विद्या सीखने वाले, इस महारथी को महाभारत युद्ध के अंत में भगवान कृष्ण ने श्राप दिया था कि अब वो चाहेगा तो भी उसे मृत्यु नहीं मिलेगी. और वो कलियुग के अंत तक अपने शरीर पर युद्ध के घाव लिए जंगलों में भटकता रहेगा।

भारतीय माइथोलॉजी में 8 ऐसे नाम हैं जो चिरंजीवी हैं यानी उनकी मृत्यु नहीं होगी, दुर्योधन के पक्के दोस्त, अश्वत्थामा का नाम उनमें से एक है. और ये आईडिया कि तबसे अबतक अगर कोई जीवित है तो उसने मानव सभ्यता में क्या-कुछ देखा होगा और कितना शक्तिशाली होगा, इस आईडिया ने हमेशा से जनता को अश्वत्थामा के प्रति खूब दिलचस्पी जगाई है. ऐसे में अश्वत्थामा का किरदार खुद, सिनेमा के पर्दे पर प्राचीन विराट सभ्यता और मॉडर्न दौर के बीच एक बेहतरीन ब्रिज जैसा साबित होगा।

तेलुगू इंडस्ट्री ने ही कुछ समय पहले एक चिरंजीवी, प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान पर एक शानदार फिल्म दी है. जब ‘हनुमान’ पर काम शुरू हुआ था, ‘कल्कि 2898 AD’ भी उसी के आसपास शुरू हुई फिल्म है. ये अपने आप में एक तरीके का ट्रेंड है. ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत में कहीं कोई और फिल्ममेकर भी अश्वत्थामा पर बेस्ड कोई फिल्म बनाता है या फिर अब अचानक किसी नए किरदार को लेकर होड़ शुरू होने वाली है।

इस बीच ‘कल्कि 2898 AD’ को जनता से बिल्कुल वैसा ही माहौल मिल रहा है जैसी उम्मीद मेकर्स ने की होगी. रिपोर्ट्स के हिसाब से 600 करोड़ रुपये के बजट में बन रही इस फिल्म में, प्रभास लीड रोल कर रहे हैं और उनका किरदार भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से इंस्पायर्ड है. फिल्म में दीपिका पादुकोण और कमल हासन भी महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं।

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