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अब कोरोना वायरस से जंग लड़ेगा एंटी-वायरल परत वाला मास्क

वाशिंगटन । विज्ञानियों ने एंटी-वायरल परत (Anti-viral layer) वाला एक ऐसा नया मास्क डिजाइन किया है, जो कोरोना वायरस (Corona virus) को निष्क्रिय कर देगा और इसे पहनने वाला व्यक्ति संक्रमण के प्रसार को कम करने में अहम भूमिका अदा कर सकेगा। अमेरिका में नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी (North-Western University in America) के शोधकर्ताओं के अनुसार, मास्क के कपड़े में एंटी-वायरल रसायन की परत होगी। यह मास्क का काम करने के साथ-साथ सांस के जरिये बाहर निकली छोटी श्वसन बूंदों (Droplets) को भी संक्रमण मुक्त करेगी।

प्रयोगशाला में विज्ञानियों ने सांस लेने-छोड़ने, छींक, खांसी के अनुकरणों के जरिये पाया कि ज्यादातर मास्क में इस्तेमाल होने वाले कपड़े (लचीले, एक या अधिक परत वाले) इस तरह के मास्क निर्माण के लिए सही हैं। यह अध्ययन मैटर नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।शोधकर्ताओं ने बताया कि नया मास्क तैयार करने के लिए उन्होंने दो एंटीवायरस केमिकल- फॉस्फोरिक एसिड और कॉपर सॉल्ट का प्रयोग किया। इसकी खासियत यह है कि ये गैर-वाष्पशील रसायन हैं और वायरस के लिए ऐसा माहौल तैयार करते हैं जो उसके लिए प्रतिकूल होता है।

अध्ययन में पाया गया कि 19 फीसद फाइबर घनत्व वाला एक लिंट फ्री वाइप (एक प्रकार की सफाई वाला कपड़ा) सांस के जरिये बाहर निकली डॉपलेट्स को 82 फीसद तक संक्रमण मुक्त कर सकता है। ऐसे कपड़े से सांस लेने में कठिनाई नहीं होती है। इस दौरान मास्क पर लगा रसायन भी नहीं हटा।

इस अध्ययन के नेतृत्वकर्ता और नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जियाशिंग हुआंग ने कहा, ‘ मास्क पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।’ उन्होंने कहा यह केवल लोगों को बचाता ही नहीं है बल्कि कोरोना के संवाहक भी नहीं बनने देता। क्योंकि इसमें जुड़ी रसायन की परत वायरस को हवा में फैलने नहीं देती।

हुआंग ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह मास्क पूरी तरह वायरस को ड्रॉपलेट्स के साथ बाहर नहीं निकलने देगा पर इससे महामारी का प्रकोप बहुत हद तक कम किया जा सकता है। वर्तमान में जिस दर संक्रमण बढ़ रहा है उससे बचाव के लिए यह जरूरी है कि जितना संभव हो उतने प्रभावी तरीके अपनाएं जाएं ताकि मृत्युदर घटाई जा सके।

जियाशिंग हुआंग ने कहा कि यदि संक्रमित व्यक्ति बिना मास्क पहने खांसता या छींकता है तो उसके मुंह से निकली ड्रॉपलेट्स बेहद खतरनाक सिद्ध हो सकती हैं। इसके हवा में फैलने पर व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना किसी सतह की अपेक्षा कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए शोधकर्ताओं ने ऐसा मास्क तैयार किया जो डॉपलेट्स में मौजूद वायरस को मास्क के भीतर ही रोक ले ताकि उसका समुचित तरीके से निपटान किया जा सके।

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