विदेश

अब हंबनटोटा में नहीं रुकेगा Chinese ship, श्रीलंका ने मानी भारत की बात

कोलंबो। आर्थिक संकट (facing economic crisis) से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka) ने भारत (India) की बात का मान रखते हुए चीन (china) को साफ इनकार कर दिया है। अब चीन का जहाज (Chinese ship) श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट (Hambantota Port of Sri Lanka) पर नहीं रुकेगा। श्रीलंकाई अधिकारियों ने गुरुवार को ये जानकारी दी। हंबनटोटा बंदरगाह के अधिकारियों ने कहा है कि उच्च तकनीक वाला चीनी रिसर्च शिप तय कार्यक्रम के मुताबिक बंदरगाह नहीं पहुंचा। शिप के गुरुवार को हंबनटोटा पहुंचने की योजना थी। चीनी शिप यहां कुछ समय के लिए लंगर डालने वाला था। लेकिन पिछले दिनों भारत ने श्रीलंका में इस पोत की संभावित मौजूदगी को लेकर चिंता व्यक्त की थी। अब जब चीन का जहाज हंबनटोटा नहीं पहुंचा है तो ऐसे में इसे भारत की कूटनीतिक जीत भी माना जा रहा है।

श्रीलंका ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को रखा ध्यान
एक रिपोर्ट के अनुसार, हंबनटोटा बंदरगाह के ‘हार्बर मास्टर’ ने कहा है कि कोई भी जहाज उनकी अनुमति के बिना बंदरगाह में प्रवेश नहीं कर सकता। ‘हार्बर मास्टर’ ने कहा था कि चीनी बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह निगरानी जहाज ‘युआन वांग 5’ बृहस्पतिवार को हंबनटोटा बंदरगाह नहीं पहुंचेगा। पिछले हफ्ते, भारत द्वारा व्यक्त की गई सुरक्षा चिंताओं के कारण श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग से ‘युआन वांग 5’ के आगमन को टालने के लिए कहा था, जिसे 11 से 17 अगस्त तक हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालना था।


लगभग 28 दिनों से यात्रा में है चीनी जहाज
हालांकि, इस बात की कोई घोषणा नहीं की गई थी कि पोत को हंबनटोटा बंदरगाह में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। ‘युआन वांग 5’ चीन से 14 जुलाई को रवाना हुआ था और अब तक इसने अपने रास्ते में एक भी बंदरगाह में प्रवेश नहीं किया है। जहाज लगभग 28 दिनों से यात्रा में है।

पहले दी थी श्रीलंका ने मंजूरी
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने 12 जुलाई को हंबनटोटा बंदरगाह पर जहाज को लंगर डालने के लिए मंजूरी दी थी। आठ अगस्त को, मंत्रालय ने कोलंबो में चीनी दूतावास को लिखे एक पत्र में जहाज के तय कार्यक्रम के मुताबिक ठहराव को स्थगित करने का अनुरोध किया। हालांकि, मंत्रालय ने इस तरह के अनुरोध का कारण नहीं बताया। ‘युआन वांग 5’ उस समय तक हिंद महासागर में प्रवेश कर चुका था।

हंबनटोटा के बंदरगाह को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। बंदरगाह को बड़े पैमाने पर चीनी कर्ज की मदद से विकसित किया गया है। खबर में कहा गया है कि बृहस्पतिवार शाम तक ‘युआन वांग 5’ श्रीलंकाई जल क्षेत्र में दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा से लगभग 600 समुद्री मील दूर था। पोत अब श्रीलंका के पूर्व से बंगाल की खाड़ी से गुजरेगा।

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