इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अब सागवान के पेड़ों से निगम करेगा लाखों की कमाई

  • ट्रेंचिंग ग्राउंड में सागवान के एक लाख पौधे लगाए
  • इन्दौर में पौधे कम पड़े तो देवास, बागली, बरोठा और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से भी बुलवाए

इन्दौर। ट्रेंचिंग ग्राउंड (Trenching Ground) के बड़े हिस्से में खाली पड़ी निगम की जमीन पर एक लाख सागवान के पौधे लगाने का काम पूरा कर लिया गया है और वन विभाग (Forest Department) और नर्सरियों (Nursery) में पौधे कम पडऩे पर देवास, बागली (Dhar, Dewas, Bagli), सोनकच्छ, बरोठा, धार से लेकर अन्य ग्रामीण अंचलों से पौधे मंगवाकर यहां रोपे गए। आने वाले वर्षों में निगम को सागवान से भी कमाई होने लगेगी।

नगर निगम (Municipal corporation) द्वारा शहरभर में पिछले महीने बड़े पैमाने पर पौधारोपण (Plantation) का कार्य शुरू किया गया था और विभिन्न प्रजातियों के दो लाख से ज्यादा पौधे शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगाने का दावा निगम उद्यान विभाग (Corporation Garden Department) के अधिकारी कर रहे हैं। इसके अलावा कई बस्तियों से लेकर नदी नालों के किनारों और बगीचों के आसपास खाली फुटपाथ (Footpath) के स्थानों पर पिछले दिनों रहवासी संघों (Residents Associations) के माध्यम से पौधारोपण (Plantation) किया गया था। इसके लिए अलग-अलग टीमें और उद्यान विभाग (Garden Department) के दरोगाओं को जिम्मेदारियां दी गई थीं। रहवासी संघों से निगम ने लिखित में भी यह आश्वासन लिया है कि वे पौधों की देख-रेख करेंगे और उन्हें नष्ट नहीं होने देंगे। 70 से ज्यादा रहवासी संघों के सहमति पत्र मिलने के बाद निगम ने उनके क्षेत्रों में बताए गए स्थानों पर पौधारोपण कराया था।

आने वाले वर्षों में दिखने लगेंगे नतीजे
उद्यान विभाग (Garden Department) के उपायुक्त कैलाश जोशी के मुताबिक ट्रेंचिंग ग्राउंड (Trenching Ground) क्षेत्र में एक लाख सागवान के पौधे लगाए गए हैं और इनकी देख-रेख का जिम्मा उद्यान के विभाग के कर्मचारियों के अतिरिक्त ट्रेंचिंग ग्राउंड (Trenching Ground) पर पदस्थ कर्मचारियों को दिया गया है, ताकि वे नियमित देखभाल करें और पौधों को नष्ट होने से बचाएं। उनके मुताबिक आने वाले सात वर्षों में सागवान के पौधे न केवल पनप जाते हैं, बल्कि उनकी कोपलों से अन्य शाखाएं फूटने लगती है और उन शाखाओं को निकालकर अन्य जगह रोपित कर दिया जाता है। आने वाले समय में न केवल सागवान के पेड़ों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि इनकी लकडिय़ों से निगम को लाखों की आय भी होगी।


सबसे तेजी से बढ़ता सागवान
अधिकारियों का मुताबिक सागवान का पौधा तेजी से बढ़ता है और आने वाले कुछ वर्षों में ही अगर सही देखभाल हो तो उसका आकार न केवल बढ़ता है, बल्कि पौधे भी पूरी तरह पनप जाते हैं। इन्दौर में सागवान के पौधे बड़े पैमाने पर ट्रेंचिंग ग्राउंड के अलावा नदी के कुछ किनारों पर भी लगाए गए हैं।

नर्सरियां हुई खाली तो अन्य शहरों से बुलवाए
वन विभाग (Forest Department) और उद्यान विभाग (Garden Department) की नर्सरी से सागवान के पौधे बड़े पैमाने पर ट्रेंचिंग ग्राउंड (Trenching Ground) में रोपित करने के लिए बुलवाए गए और अचानक डिमांड बढऩे पर स्थानीय नर्सरियों में सागवान के पौधे नहीं मिले तो फिर अधिकारियों ने देवास, धार, बरोठा, सोनकच्छ, बागली सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों से बुलवाए।

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