आज अंतिम दिन… कर सकेंगे दावे-आपत्तियां, मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए कल से चलेगी उल्टी गिनती…4 अक्टूबर को होगा प्रकाशन
इंदौर। चुनाव आयोग (election Commission) के निर्देश पर मतदाता सूची में नाम जोडऩे, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं, जिसकी आज अंतिम तिथि है। लगभग 3 लाख आवेदन मतदाता सूची सुधार के लिए मिल चुके हैं। अब जांच-पड़ताल के बाद इन आवेदनों के आधार पर सूची को अपडेट किया जाएगा और फिर 4 अक्टूबर को उसका अंतिम प्रकाशन होना है। लगभग डेढ़ लाख आवेदन सभी 9 विधानसभा सीटों को प्राप्त हो गए हैं।
विधानसभा चुनाव (assembly elections) के मद्देनजर आयोग ने इस बार मतदाताओं को अधिक मौका दिया, ताकि वे अपने नाम सूची में जुड़वा सकें। फोटो निर्वाचक नामावली का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम बीते कई दिनों से जारी रहा और दावे-आपत्ति के लिए आवेदन की तिथि भी आयोग ने बढ़ाई, जो आज समाप्त हो रही है। ऑनलाइन (Online) भी नाम जुड़वाने से लेकर संशोधन की सुविधा दी गई। साथ में वोटर हेल्पलाइन ऐप का भी इस्तेमाल किया गया, वहीं आगामी अक्टूबर को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नए युवा मतदाताओं को भी सूची में नाम जुड़वाने के लिए अग्रिम आवेदन की सुविधा दी गई। इंदौर की सभी 9 विधानसभा सीटों पर लगभग 3 लाख आवेदन मिल चुके हैं, जिनकी अब जांच-पड़ताल निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा की जाएगी, जिसमें फार्म-6 के तहत लगभग डेढ़ लाख, तो फॉर्म-7 में 34 हजार, वहीं फॉर्म-8 के तहत 1 लाख 10 हजार से अधिक आवेदन मिले हैं। इस बार चूंकि चुनाव हैं इसलिए सभी वर्तमान विधायकों के अलावा दावेदारों ने भी मतदाता सूची सुधार के इस कार्यक्रम में गंभीरता दिखाई और यही कारण है कि आवेदनों की संख्या इतनी अधिक हो गई है। दूसरी तरफ आयोग ने तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनाकर रिटर्निंग अधिकारी बनाए जाने के मामले में शासन से जवाब मांगा है। दरअसल शासन ने पिछले दिनों 185 तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर और 200 नायब तहसीलदारों को प्रभारी तहसीलदार बना दिया और उन्हें सभी कलेक्टरों ने रिटर्निंग अधिकारी के साथ-साथ असिस्टेंट रिटर्निंग अधिकारी बनाकर चुनाव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है। दरअसल पिछले दिनों भारत निर्वाचन आयोग की तीन सदस्यीय फुल बेंच ने भोपाल आकर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की थी, उस दौरान यह तथ्य आयोग के संज्ञान में आया कि तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के रूप में रिटर्निंग अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका दी है, जिस पर शासन से जवाब तलब किया गया, जिसके प्रतिउत्तर में राजस्व और सामान्य प्रशासन विभाग ने आयोग को बताया कि कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का मामला चूंकि सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और 7 साल से प्रदेश में पदोन्नति पर रोक लगी है। इसीलिए इन कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार देने की व्यवस्था की गई। अगर रोक नहीं लगी होती तो ये डिप्टी कलेक्टर के पद पर प्रमोट हो जाते। हालांकि अब आयोग शासन के इस जवाब से संतुष्ट है या नहीं यह तो कुछ दिनों बाद पता चलेगा। दूसरी तरफ आज मतदाता सूची में दावे-आपत्ति का अंतिम दिन है और सबसे अधिक दावे-आपत्तियां राऊ विधानसभा में 45 हजार से अधिक, तो इसी तरह विधानसभा 5 में 42 हजार, विधानसभा 2 में 34 हजार से ज्यादा, विधानसभा 1 में लगभग 33 हजार आवेदन मिले हैं।
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