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मशहूर भजन गायिका शांतिलता बारिक का निधन, लंबे समय से जूझ रही थी कैंसर से

नई दिल्‍ली (New Delhi) । ओडिशा (Odisha) की प्रसिद्ध भक्ति गायिका शांतिलता बारिक (Devotional singer Shantilata Barik) का निधन हो गया है। शांतिलता लंबे समय से कैंसर (cancer) से जंग लड़ रही थी। सोमवार रात शांतिलता ने 64 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। शांतिलता के परिवार ने उनके निधन की जानकारी देते हुए बताया वे लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रही थी और पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं, जिसके बाद सोमवार रात को उनका निधन हो गया।


ओडिशा के घर-घर में थीं लोकप्रिय
गौरतलब है कि शांतिलता बारिक ओडिशा में घर-घर में पहचानी जाती थीं। बालकृष्ण दास, मार्कंडेय महापात्रा, सिंघारी श्यामसुंदर कर और गोपाल पांडा जैसे दिग्गजों ने उन्हें प्रशिक्षित किया था। उन्होंने ‘थका मन चला जिबा’, ‘भाजी भाजी तो नामा’, ‘हे चकनयन’ और ‘बलिरेणु महाबंध’ जैसे कई लोकप्रिय गीत गाए।

शांतिलता बारिक को भुवनेश्वर के उत्कल संगीत महाविद्यालय से ‘आचार्य’ की उपाधि मिली थी। ओडिया संगीत, भाषा और संस्कृति में उनके योगदान के लिए उन्हें ओडिशा संगीत नाटक अकादमी द्वारा भी सम्मानित किया गया था। प्रसिद्ध भक्ति गायिका के निधन पर जानी-मानी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

सीएम पटनायक ने जताया शोक
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, शांतिलता बारिक सांस्कृतिक जगत में एक खालीपन हो गया है। मैं उनकी दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि देता और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं’। इस दौरान नवीन पटनायक ने यह भी घोषणा की कि शांतिलता बारिक का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके गीतों में आध्यात्मिकता और भक्ति की भावना थी। उन्होंने संगीत के माध्यम से लोगों को ओडिशा की संस्कृति और श्री जगन्नाथ से जोड़ा’।

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