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SC की नाराजगी पर कानून मंत्री बोले- ‘कोई चेतावनी नहीं दे सकता, यहां जनता मालिक’

नई दिल्ली (New Delhi)। जजों की नियुक्ति (appointment of judges) को लेकर केंद्र सरकार बनाम न्यायपालिका (Central Government vs Judiciary) की जंग लगातार जारी है। बयानों की तल्खी दोनों तरफ से देखने को मिल रही है. इस बीच एक बार फिर कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju) की तरफ से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने दो दूक कह दिया है कि कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है और सबकुछ सिर्फ संविधान के हिसाब से ही चलेगा। प्रयागराज में एक कार्यक्रम के दौरान रिजिजू की तरफ से ये बोला गया।


असल में कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि जजों की नियुक्ति में लगातार देरी की जा रही है। कोर्ट ने कहा था कि आपका रवैया हमारे लिए परेशान करने वाला है. हाई कोर्ट में जजों के तबादले की हमारी सिफारिशों पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ. जब हमें लगता है कि किसी जज को किसी वजह से ए कोर्ट या बी कोर्ट में होना चाहिए तभी हम सिफारिश करते हैं. लेकिन आप उसे भी लटकाए रखते हैं. ये गंभीर मुद्दा है. आप हमें मजबूर करेंगे कि हम कोई गंभीर फैसला लें। हम किसी तीसरे को इस मामले में खेला नहीं करने देंगे. हमें गंभीर फैसले लेने को विवश न करें।

अब कोर्ट की उस नाराजगी के बाद शनिवार को केंद्र ने पांच जजों की नियु्क्ति पर मुहर तो लगा दी, लेकिन केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विवाद को खत्म नहीं होने दिया। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस देश की मालिक जनता है. हम तो उनके सेवक हैं। हम सभी यहां सेवा करने के लिए बैठे हैं और संविधान हमारी गाइड है. ये देश संविधान के हिसाब से ही चलेगा, लोगों की इच्छाओं को ही फोकस में रखा जाएगा. कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है. इस देश में कई मुद्दों पर बहस होती है, लोकतंत्र में सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है. लेकिन जिम्मेदारी वाले पदों पर बैठे लोगों को बोलने से पहले सोचना चाहिए, क्या उससे देश को फायदा हो रहा है या नहीं. इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री की तरफ से इसी तरह से सर्वोच्च न्यायलय को लेकर बयान दिए गए हैं।

बता दें कि शनिवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पांच नए जजों की नियुक्ति कर दी थी. कोर्ट की तरफ से पांच दिन का टाइम दिया गया था, लेकिन सरकार ने 24 घंटे के भीतर वो फैसला लिया था। जिन पांच नामों को मंजूरी मिली है, उनमें राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल, पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल रहे। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट में अब 32 जज हो गए हैं. जबकि यहां 34 जजों के पद स्वीकृत हैं।

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