इंदौर न्यूज़ (Indore News)

10 माह में एक हजार प्रकरण दर्ज, शहर के आधे अपराध 11 थानों में

इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी के अधिक 34 थाने हैं, लेकिन शहर में होने वाले  आधे अपराध 11 थानों में दर्ज हो रहे हैं। इन थानों में हर माह सौ के लगभग केस दर्ज  हुए हैं, जो बताता है कि इन थानों में कमिश्नरी के बावजूद अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।

शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू हुए एक साल हो गया है, लेकिन हत्या और चोरी रोकने में पुलिस नाकाम रही है। यह घटनाएं पिछले साल की तुलना में बढ़ी हैं। पुलिस रिकार्ड पर नजर डालें तो शहर में होने वाले आधे अपराध 11 थानों में हंै। ये थाने राजेंद्रनगर, विजयनगर, लसूडिय़ा, खजराना, बाणगंगा, भंवरकुआं, चंदननगर, हीरानगर, राऊ, कनाडिय़ा और परदेशीपुरा हैं। इस सभी में दस माह में एक हजार के लगभग केस दर्ज हुए हैं। इस हिसाब से हर माह यहां करीब सौ केस दर्ज हो रहे हैं। बाकी 23 थानों में 50 से 60 अपराध हर माह दर्ज हो रहे हैं, जो आधे हैं। शहर में हर साल 20 हजार के लगभग अपराध दर्ज होते हैं, लेकिन इस बार लगता है कि यह आंकड़ा भी बढ़ेगा। बाणगंगा में दस माह में 1962 और लसूडिय़ा में 1850 केस दर्ज हुए हैं, जो बाकी थानों से दोगुने हैं।


दो थानों का है प्रस्ताव

बाणगंगा और लसूडिय़ा थाने कुछ सालों से अपराध में नंबर वन और टू पर रहे हैं। इसे देखते हुए इन थानों को तोडक़र दो नए थाने बनाने का प्रस्ताव पुलिस ने मुख्यालय को भेजा है। एक महालक्ष्मी थाना और एक सुपर कॉरिडोर थाने के नाम से बनेगा। जब तक ये थाने बन नहीं जाते, तब तक यहां अपराध पर नियंत्रण होना मुश्किल लग रहा है।

संवेदनशील थाने में सबसे कम केस

शहर का पंढरीनाथ थाना सबसे संवेदनशील माना जाता है। यहां बंबई बाजार हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन यहां इस बार अब तक सबसे कम 129 केस दर्ज हुए हैं, जबकि पिछले दस साल से सबमें कम अपराध वाले सराफा थाने में भी इस बार अपराध बढ़े हैं। यहां दस माह में करीब 150 केस दर्ज हुए हैं।

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