भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

महापौर की शपथ के बाद ही शुरू होंगे बंद पड़े बड़े काम

  • 200 से अधिक फाइलें पेंडिंग, इनमें सड़क से पानी और सीवेज लाइन के भुगतान भी शामिल

भोपाल। शहर में नगर निगम से जुड़े बड़े कामों की प्रक्रिया रुक गई है। करीब 200 फाइलों की चाल पर ब्रेक लग गया है। इन पर नई नगर सरकार शपथ लेने के बाद ही अपनी मुहर लगाएगी। नई महापौर व परिषद चुने जाने के बाद निगम के अफसरों को स्पष्ट कर दिया गया है कि कोई बड़ा निर्णय न लें। यदि किसी बड़े काम को शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है तो उसे फिलहाल रोकें। शपथ ग्रहण के बाद ही इन सब पर निर्णय होगा। भाजपा की मालती राय महापौर चुनी गई हैं, जबकि भाजपा के 58 पार्षदों के साथ परिषद भी भाजपा की ही है। इनके चयन को लेकर शासन ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अभी शपथ ग्रहण समारोह होना बाकी है, ऐसे में चुनाव और कार्यभार ग्रहण करने के बीच निगम प्रशासन के अफसर अपने स्तर पर कोई बड़ा निर्णय न ले लें, इसके लिए निगम को गुपचुप संदेश दे दिया है। इससे सभी काम फिलहाल रोक दिए गए हैं। नगर निगम में कांग्रेस के सुनील सूद जब महापौर चुने गए तब प्रदेश में भाजपा के बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री थे। चुनाव और शपथ ग्रहण के बीच कुछ समय लगा तो सूद ने निगम की सभी फाइलें अपने पास बुलवा ली थी, ताकि शपथ ग्रहण नहीं होने के पहले निगम के अफसर कोई बड़ा निर्णय न ले लें।



बीआरटीएस का असमंजस दूर होने में लगेगा समय
मिसरोद से बैरागढ़ सीहोर नाका तक बीआरटीएस सुधार को लेकर असमंजस भी नई शहर सरकार को ही दूर करना है। 26 करोड़ रुपए की लागत से इसका रखरखाव बैरागढ़ की ओर से शुरू हुआ था, लेकिन हबीबगंज अंडरब्रिज लोकार्पण कार्यक्रम में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसकी डेडिकेटेड लेन आम आवाजाही के लिए खोलने के निर्देश दे दिए। इसमें दुर्घटना की आशंका को लेकर निगम प्रशासन ने तकनीकी जांच कराने का निर्णय लिया। ये जांच अभी होना है और काम शुरू होगा। अब निगम प्रशासन के अफसरों की बजाय, इसका निर्णय नई शहर सरकार लेगी। शपथ होने तक रुकना होगा। लोगों को बीआरटीएस के ऊबड़ खाबड़ रास्तों से ही गुजरना होगा। गौरतलब है करीब 22 किमी लंबा बीआरटीएस 450 करोड़ रुपए में बनाया गया था। पहले दिन से ही लोगों को दिक्कत दे रहा है। इसे हटाने की मांग की जा रही है, पर अनिर्णय की स्थिति बरकरार है।

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