इंदौर न्यूज़ (Indore News)

रेसीडेंसी क्षेत्र के सैकड़ों रहवासियों में से केवल 40 ने अपने प्लाटों के दस्तावेजीकरण के लिए आवेदन दिया

अधिसूचना जारी होने के बाद भी नहीं जाग रहे लोग… चर्च के आसपास के रहवासी ही पहुंचे अपने भूखंडों का दस्तावेजीकरण कराने

इन्दौर। रेसीडेंसी क्षेत्र (Residency Area) की जमीन के सर्वेक्षण के बाद कलेक्टर (Collector) ने अधिसूचना भी जारी कर दी, लेकिन अब तक स्वामित्व के लिए दावे सामने ही नहीं आ रहे हैं, सिर्फ 40 रहवासियों ने ही दस्तावेज जमा करे हैं। 29 फरवरी आखिरी तारीख बीत जाने के बाद भी लोग सामने नहीं आ रहे। अब प्रशासन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की मदद लेगा, साथ ही क्षेत्र में शिविर भी लगाए जाएंगे।


लम्बे समय से चल रहे रेसीडेंसी क्षेत्र के सर्वेक्षण की प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो चुकी है। कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर एसडीएम, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों ने दल बनाकर सर्वेक्षण का काम पूरा तो कर दिया, लेकिन यहां के रहवासी अपनी ही जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। लगभग एक हजार से अधिक परिवार क्षेत्र में निवास कर रहे हैं, किन्तु उनके दस्तावेज की जानकारी अब तक किसी को नहीं है। उक्त भूमि के स्वामित्व को लेकर प्रशासन ने पहल की और दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 29 फरवरी तक का समय दिया गया, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद भी रहवासी सामने नहीं आ रहे हैं। एडीएम सपना लोवंशी के अनुसार अब तक चर्च क्षेत्र के 40 लोगों ने ही दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। अब प्रशासन जनप्रतिनिधियों की मदद लेकर आगे् की कार्रवाई करेगा। ज्ञात हो कि दस्तावेज के अभाव में उक्त भूमि को शासकीय घोषित किए जाने की कार्रवाई की जाना है। उसके पहले प्रशासन रहवासियों को स्वामित्व संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर दे रहा है।

परीक्षण के आधार पर स्वामित्व
एडीएम लोवंशी के अनुसार दस्तावेजों के परीक्षण के आधार पर ही भूमि के स्वामित्व का निर्धारण किया जाना है। क्षेत्रीय लोगों की रुचि नहीं लेने की सूरत में अब जिला प्रशासन ने शिविर लगाकर दस्तावेज के एकत्रीकरण की रणनीति तैयार की है। नगर निगम के माध्यम से यहां अलग-अलग दिन शिविर लगाए जाएंगे। नगर निगम के अधिकारियों के साथ राजस्व निरीक्षक और पटवारी भी घर-घर जाकर दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समझाइश देंगे। इसके बाद भी यदि शिविर में दस्तावेज नहीं आते हैं तो जनप्रतिनिधियों के माध्यम से समझाइश दी जाएगी। ज्ञात हो कि रेसीडेंसी क्षेत्र के सर्वेक्षण की प्रक्रिया लगभग दस सालों से चलाई जा रही है, लेकिन इसका काम कई बार विभिन्न कारणों से अटक गया था। इस बार झोन के माध्यम से क्षेत्र की सम्पूर्ण भूमि का सर्वेक्षण कराया गया है व नक्शा भी तैयार किया जा रहा है। संभवत: मार्च के अंत तक दस्तावेज जमा कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उच्च अधिकारियों के अनुसार इस प्रक्रिया के बाद अन्य ऐसे क्षेत्र, जहां सर्वेक्षण नहीं हुआ है, उनकी भी रणनीति तैयार की जाएगी।

जागो वरना स्वामित्व पर संकट आ जाएगा
प्रशासन के पास रेसीडेंसी क्षेत्र का कोई रिकार्ड नहीं है। रिकार्ड बनाने और वहां के रहवासियों को राजस्व रिकार्ड में भूस्वामी के रूप में दर्ज करने के लिए आवश्यक है कि प्लाट मालिकों के दस्तावेजों का प्रशासन मान्य करे और उन्हें राजस्व अभिलेखों में उल्लेखित करंे, वरना उनके प्लाटों के स्वामित्व पर संकट आ जाएगा।

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