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कोरोना का प्रकोप जारी, ग्रीस में वैक्‍सीनेशन के आड़े का रहा ये चर्च

एथेंस। ग्रीस(Greece) में वैक्सीन (Vaccine) के खिलाफ धार्मिक ईसाई सड़कों (Religious Christians Against Vaccine) पर हैं। ग्रीस(Greece) में चर्च बहुत प्रभावशाली है। कई चर्च वहां लॉकडाउन(Lockdown), सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और टीकाकरण(Vaccination) के विरोधी रहे हैं। राजधानी एथेंस के एक प्रमुख गिरिजाघर सेंट निकोलस चर्च के प्रवेश द्वार पर ये सूचना लिख कर टांगी गई है- ‘चर्च यहां आने वाले लोगों की निगरानी करने की इजाजत देने से इनकार करता है। धर्मावलंबियों के व्यक्तित्व का यहां सम्मान किया जाता है।’
खबरों के मुताबिक चर्च के भीतर मास्क पहने लोगों को अंगुलियों पर गिना जा सकता है। यहां के मुख्य पादरी वेसिलियोस वोलोदाकिस(Chief Pastor Vesilios Volodyakis) ने पिछले रविवार को अपने उपदेश के दौरान सरकार और डॉक्टरों की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था- ‘वे चर्च के साथ वैसा ही सलूक करना चाहते हैं, जैसा वे जिम के साथ करते हैं। लेकिन हम मानते हैं कि हम यह स्वर्ग में हैं। वैज्ञानिक कई बातों की व्याख्या नहीं कर सकते। इसलिए वे उन पर परदा डाल देते हैं।’



वोदोदाकिस जैसी बातें ग्रीस के कई दूसरें शहरों में भी ऑर्थोडॉक्स चर्च के नेताओं ने कही हैं। कई पादरियों ने यह भी कहा है कि जिन लोगों ने टीका लगवाया है, वे आखिरकार इसके लिए पछताएंगे। ग्रीस में कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन हुए थे। टीकाकरण को लेकर भी वहां आबादी एक हिस्से में तीखा विरोध है। एक चर्च में पहुंची मध्य आयु की महिला मारिया ने वेबसाइट पॉलिटिको से कहा- ‘हम मानव अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हैं। इन अधिकारियों का अनुमोदन ईसाई धर्म ने भी किया है। ईश्वर हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं करते कि हम उनकी आराधना करें। जबकि टीकाकरण के समर्थक लोगों को मजबूर कर रहे हैं।’
चर्च के नेतृत्व ने अपने आधिकारिक रुख में टीकाकरण का समर्थन किया है। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख आर्चबिशप इरोनिमॉस पिछले साल नवंबर में खुद कोरोना संक्रमित हुए थे। इस कारण उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा। पिछले 12 मई को उन्होंने टीकाकरण के पक्ष में बयान जारी किया था। इसके बावजूद कई दूसरे प्रभावशाली आर्चबिशप और पादरी टीकाकरण के खिलाफ बने हुए हैं। कुछ चर्च में तो उन लोगों के वहां आने पर रोक लगा दी गई है, जो मास्क पहने हों या जिन्होंने टीका लगवा लिया हो।
ये हाल तब है, जब देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जून में रोजाना संक्रमित होने वाले लोगों की औसत संख्या 400 थी। लेकिन अब ये 2,700 हो गई है। देश की 44 फीसदी आबादी का अब तक पूरा टीकाकरण हुआ है। यह यूरोपियन यूनियन के औसत से ज्यादा है। ग्रीस सरकार ने टीकाकरण की गति और तेज करने का अभियान छेड़ा हुआ है। इस सिलसिले में इसी महीने देश के स्वास्थ्य मंत्री वाकिलिस किकिलियास और सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार सोतिरिस सिओद्रास चर्च की संचालन समिति से मिले। उन्होंने टीकाकरण अभियान में चर्च से सहयोग करने की अपील की।
लेकिन होली सायनोड नाम से जानी जाने वाली संचालन समिति ने कोई साफ संदेश जारी नहीं किया। बल्कि कहा कि वायरस का प्रसार रोकने के लिए स्वतंत्र इच्छा से लगवाई गई वैक्सीन, प्रार्थना और आराधना में शामिल होना वैज्ञानिक रूप से सिद्ध उपाय हैं। बीते मंगलवार को होली साइनोड ने एक पत्र सभी चर्च को भेजा, जिसे रविवार को वहां पढ़ा जाएगा। उसमें कहा गया है कि जो चर्च जो शिक्षा देता है, उसका वैक्सीन से कोई विरोध नहीं है। इसलिए धर्मावलंबी डॉक्टर के निर्देशों का पालन कर सकते हैं। लेकिन जब से महामारी शुरू हुई है, चर्च ने डॉक्टरों की सलाह का लगातार उल्लंघन किया है। पादरी लगातार मास्क पहनने से इनकार करते रहे हैं। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान चर्च के आयोजनों को जारी रखा। ये सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन था। लेकिन ग्रीस में चर्च का असर इतना अधिक है कि उस पर सख्ती से नियम लागू करने का साहस सरकार भी नहीं जुटा पाती है।

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