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कंगना पर ओवैसी का पलटवार कहा- देशद्रोह सिर्फ मुसलमानों के लिए, अगर हमने कहा होता तो मार-मार कर बेहाल कर दिए जाते

डेस्क। कंगना रणौत देश की आजादी का साल 2014 बताकर कंगना विवादों में घिर गई हैं। सोशल मीडिया पर फैंस उनसे पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। हालांकि अपने विवादित बयान के बाद भी कंगना माफी मांगने को तैयार नहीं हैं उन्होंने कहा है कि 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है। अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी। अब कंगना के इस बयान पर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा है।

क्या देशद्रोह सिर्फ मुसलमानों के लिए है?
ओवैसी ने पूछा है कि क्या देशद्रोह सिर्फ मुसलमानों के लिए है? क्या वे लोग कंगना रणौत पर देशद्रोह का आरोप लगाएंगे? ओवैसी ने कंगना का नाम लिए बिना कहा, मैं इंडियन नेशनलिज्म को मानता हूं तो उन्हें पद्मश्री मिला है। अगर हम इस बात को कह देते तो यूएपीए लग जाता, मार-मार कर बेहाल कर दिया जाता। एक मोहतरमा ने कहा कि 2014 में सही मायने में देश आजाद हुआ है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से पूछना चाहता हूं कि 1947 में आजाद हुआ था कि 2014 में। 


कंगना के बयान पर तंज भरे अंदाज में ओवैसी ने कहा ‘वह क्वीन हैं और आप किंग (योगी आदित्यनाथ) लेकिन आप कुछ नहीं करेगे। बाबा ने इंडिया-पाकिस्तान टी 20 मैच के बाद टिप्पणी करने वालों को देशद्रोह के आरोप में जेल में डालने की धमकी दी थी।’ याद हो कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 अक्टूबर को हुए भारत-पाकिस्तान के मैच के बाद पाक की जीत का जश्न मनाने वालों को चेतावनी दी थी।

कंगना ने लिखा था, ‘मैंने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई पर बनी फीचर फिल्म में काम किया है। 1857 की लड़ाई पर काफी रिसर्च किया है। राष्ट्रवाद के साथ दक्षिणपंथ का भी उभार हुआ लेकिन यह अचानक खत्म कैसे हो गया? और गांधीजी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया। आखिर क्यों नेता बोस की हत्या हुई और उन्हें कभी गांधी जी का सपोर्ट नहीं मिला।’

कंगना ने कहा, ‘आखिर क्यों बंटवारे की रेखा एक अंग्रेज के द्वारा खींची गई? आजादी की खुशियां मनाने के बजाय भारतीय एक दूसरे को मार रहे थे। मुझे ऐसे कुछ सवालों के जवाब चाहिए जिसके लिए मुझे मदद की जरूरत है। जहां तक 2014 में आजादी की बात है, मैंने विशेष रूप से कहा था कि भौतिक आजादी हमारे पास हो सकती है, पहली बार अंग्रेजी न बोलने या छोटे शहरों से आने या भारत में बने उत्पादों का उपयोग करने के लिए लोग हमें शर्मिंदा नहीं कर सकते। जो चोर हैं उनकी तो जलेगी। कोई बुझा नहीं सकता… जय हिंद।

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