इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former prime minister imran khan) की करीबी सहयोगी शिरीन मजारी (Shireen Mazari) को एक अदालत के आदेश पर जेल से रिहा किए जाने के कुछ घंटे बाद सोमवार को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। लाहौर हाईकोर्ट (Lahore High Court) की रावलपिंडी पीठ (Rawalpindi Peeth) ने किसी अन्य मामले में मजारी की आवश्यकता न होने पर अधिकारियों को उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया था।
57 वर्षीय मजारी ने इमरान खान के शासन में 2018 से 2022 तक मानवाधिकार मंत्री के रूप में कार्य किया था। उनके वकील अहसान पीरजादा ने कहा कि रावलपिंडी की आदियाला जेल से रिहा होने के कुछ ही देर बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पीरजादा ने ट्वीट किया, दस दिन में यह चौथी बार है जब मजारी को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, हमें नहीं पता कि वे उन्हें कहां ले गए हैं। यह दूसरी बार है जब अदालत द्वारा रिहाई का आदेश दिए जाने के तुरंत बाद उन्हें आदियाला जेल के बाहर से गिरफ्तार किया गया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष खान ने मजारी की फिर से गिरफ्तारी पर अफसोस जताते हुए कहा कि सरकार द्वारा इस तरह की कार्रवाई शक्ति के दुरुपयोग को दर्शाती है। ट्विटर स्पेस के माध्यम से समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की तुलना जर्मनी में हुए नाजी नरसंहार से की। उन्होंने कहा कि नौ मई के विरोध-प्रदर्शन के दौरान आगजनी के बहाने उनकी पार्टी पर की गई कार्रवाई अन्यायपूर्ण थी। उन्होंने कहा कि पीटीआई पिछले 27 वर्षों से शांतिपूर्ण विरोध की वकालत करती रही है। देश की सबसे बड़ी पार्टी हिंसा क्यों चाहेगी? खान ने कहा, हम नहीं करते। यह कोई और है जो हिंसा चाहता है।
हिंसा को लेकर पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई शुरू होने के बाद 12 मई को इस्लामाबाद में उनके आवास से मजारी को गिरफ्तार किया गया था। मजारी की बेटी ईमान मजारी-हजीर ने उनकी गिरफ्तारी को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि मजारी को किसी भी मामले में नामजद नहीं होने पर मुक्त किया जाना चाहिए और पूर्व मंत्री को उपायुक्त को एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया कि वह भविष्य में ऐसी किसी भी विघटनकारी गतिविधि में शामिल नहीं होंगी।
मजारी की बेटी ने मीडिया को बताया कि पूर्व मंत्री को हफ्ते में तीन बार गिरफ्तार किया गया लेकिन अदालत ने अपने फैसले में उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए और इस तरह घरों को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
सैन्य प्रतिष्ठानों पर हालिया हमले बर्दाश्त करने योग्य नहीं : पाकिस्तानी सेना प्रमुख
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने सोमवार को कहा कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हाल में हुए हमले ‘‘बर्दाश्त करने योग्य नहीं’’ हैं। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि 25 मई को देश भर में ‘‘पाकिस्तान शहीद दिवस’’ मनाया जाएगा। सेना के मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मारे गए सैनिकों को सम्मानित करने के लिए जनरल मुख्यालय, रावलपिंडी में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्होंने यह घोषणा की।
बयान में जनरल मुनीर के हवाले से कहा गया है, बेशक, हम शहीदों की कर्तव्य भावना और महान कुर्बानियों के कारण एक खुले स्वतंत्र वातावरण में रह रहे हैं। उन्होंने नौ मई को हुई हिंसा के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों और स्मारकों पर हाल में हुए हमलों को लेकर दुख जताया और इस तरह की कार्रवाइयों को बर्दाश्त नहीं करने योग्य करार दिया।
नौ मई को इस्लामाबाद में अद्धसैनिक रेंजरों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था।
पुलिस ने हिंसक झड़पों में मरने वालों की संख्या 10 बताई, जबकि खान की पार्टी का दावा है कि सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में उसके 40 कार्यकर्ताओं की जान चली गई। पाक सेना द्वारा हिंसा के बाद खान के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
सैन्य अदालत में ट्रायल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची इमरान की पार्टी
पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने सैन्य परिसरों पर हमले के आरोपियों के खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चलाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उधर, नेशनल एसेंबली ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सैन्य कानून के तहत मुकदमा चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।