विदेश

बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी की अपहरण कर की हत्‍या, जनता में आक्रोश

 

कराची। पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सेना के एक अधिकारी का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में बलूचिस्तान (Balochistan) लिबरेशन आर्मी द्वारा अगवा किए गए पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी का शव गुरुवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक राजमार्ग पर मिला। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (Liberation Army) नामक संगठन ने पाकिस्तानी सेना के कर्नल लइक बेग मिर्जा की हत्या की जिम्मेदारी ली है। कर्नल मिर्जा मंगलवार को अपने परिवार के साथ बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से करीब 100 किलोमीटर उत्तर पूर्व स्थित जियारत शहर से यात्रा कर रहे थे, तभी हमलावरों ने उन्हें अगवा कर लिया। हालांकि, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने कर्नल मिर्जा (Colonel Mirza) के परिवार के सदस्यों को कोई क्षति नहीं पहुंचाई।



बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी सबसे बड़ा अलगाववादी संगठन
बलूचिस्तान में कई अलगाववादी संगठन मौजूद हैं जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा और प्रभावशाली संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी है। इसके लीडर पहले बलाच मर्री थे, जो 2008 में अफगानिस्तान में मारे गए थे। इसके बाद बीएलए ने अपनी गतिविधियां तेज कर दीं। इस संगठन को अब बशीर जेब बलोच चला रहे हैं। दरअसल, बलूचिस्तान के लोग 1944 से ही अपनी आजादी की मांग कर रहे हैं। 1947 में बलूचिस्तान को जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। तभी से बलूच लोगों का पाकिस्तान की सरकार और वहां की सेना से संघर्ष चल रहा है। पाकिस्तान की सरकार दमन के प्रतिरोध में 70 के दशक में बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी का गठन हुआ।

पाकिस्तान की सरकार और सेना की ज्यादतियों का विरोध करती है बलूच आर्मी
बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी ने पाकिस्तान की सरकार को परेशान कर रखा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले राज्य बलूचिस्तान की आजादी के लिए ये संगठन लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। आजादी की मांग करने वाली इस आर्मी ने सरकार और सेना के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष तो लंबे समय से छेड़ रखा है। इनके पास हजारों लड़ाके हैं और बड़ी संख्या में हथियार भी।

चीन कर रहा है बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा का दोहन
वहीं बलूचिस्तान का इलाका प्राकृतिक रूप से समृद्ध है, यहीं कराची के पास ग्वादर पोर्ट भी चीन की सहायता से बनाया जा रहा है। बलूचिस्तान के लोग इसका भी काफी विरोध कर रहे हैं। चीन यहां के संसाधनों का दोहन कर रहा है, जिसका विरोध बलूच लोग कर रहे हैं। चीन के किसी कर्मचारी या अधिकारी पर हमला होता है तो चीन के दबाव में पाकिस्तान की सरकार और सेना चहां की आवाम को दबाने, सताने की कोशिश करती है। ऐसे में प्रतिकार करने के लिए बूलिचिस्तान लिबरेशन आर्मी सक्रिय होकर विरोध करती है।

Share:

Next Post

कानपुर हिंसा में SIT टीम का बड़ा खुलासा, नूपुर का बयान तो बस बहाना था...

Fri Jul 15 , 2022
कानपुर । 3 जून को कानपुर (Kanpur) में हुई हिंसा की जांच कर रही एसआईटी टीम ने बड़ा खुलासा किया है. एसआईटी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का बयान तो सिर्फ बहाना था, असली काम चंदेश्वर हाता खाली कराना था, जिसके लिए एक करोड़ की सुपारी कानपुर के सबसे […]