इंदौर न्यूज़ (Indore News)

इंदौर में उड़ेगी पंछियों की शक्ल बनी पैराशूट कपड़े की पतंग…

  • जर्मन ताव की पतंग पहली पसंद…. शहरों के बाहर पन्नी वाली छोटी पतंग की मांग इस साल ज्यादा
  • होलसेल का बाजार इंदौर में हुआ खत्म, रिटेल का बाजार अब होगा शुरू

इंदौर, नासेरा मंसूरी। मकर संक्रांति से पहले इंदौर (Indore) के बाजार पतंगों से सज कर पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। रानीपुरा स्थित होलसेल मार्केट के अलावा छावनी में बड़ी संख्या में अलग-अलग वैरायटी की पतंगे मिलती हैं। वहीं, काछी मोहल्ला पतंग बाजार के लिए मशहूर है। इस साल भी इंदौर में रंग-बिरंगी आसमान को छूने को तैयार पतंगे दुकानों में सज गई हैं। पूरे प्रदेश में इंदौर से जाने वाली पतंगों का होलसेल बाजार तो लगभग खत्म हो गया है, लेकिन रिटेल को लेकर व्यापारियों को काफी उम्मीदें हैं। इस साल इंदौर में पंछियों की शक्ल की आकार में आई पैराशूट कपड़े की पतंगों की काफी मांग में है।

इंदौर से प्रदेश के कई शहरों के अलावा महू, उज्जैन, देवास और आसपास बड़ी संख्या में पतंगें जाती हैं। इंदौर में यह पतंगें अहमदाबाद, राजकोट, बरेली और रामपुर से सबसे ज्यादा आती है। इंदौर में भी पतंगें बनती हैं, लेकिन मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं होने के कारण आज अभी इंदौर में गुजरात और उत्तर प्रदेश से पतंग बड़ी संख्या में बुलवाई जाती हैं। इंदौर में पतंगों का होलसेल बाजार पिछले महीने ही शुरू हो गया था, जो अब लगभग खत्म हो गया है। अब इंदौर में रिटेल का बाजार शुरू होगा, जिससे व्यापारियों को काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, व्यापारियों के मुताबिक, इस साल होलसेल का बाजार भी उम्मीदों से काफी अच्छा रहा है।


मांग के अनुरूप प्रोडक्शन नहीं इंदौर में
पतंग के थोक बाजार के व्यापारी देवानंद बालचंदानी ने बताया कि इंदौर में भी पतंग का प्रोडक्शन होता है, लेकिन मांग के अनुसार नहीं। यहां की और बाहर की पतंग की क्वालिटी में भी फर्क होता है। फिलहाल इंदौर में अहमदाबाद, राजकोट, बरेली और रामपुर से बड़ी संख्या में पतंग आती है। इस साल इंदौर में पैराशूट कपड़े की पतंग की मांग है और पसंद की जा रही है, जो अहमदाबाद से आती है और इस पर पंछियों के चेहरे बने होते हैं। साइज के हिसाब से यह पतंग 20 से 100 रुपए तक की कीमत में उपलब्ध है। इंदौर में पतंग का बाजार 26 जनवरी तक चलता है।

कीमत बढ़ी, लेकिन बिक्री भी बढ़ी
इस साल पतंग की कीमतों में हल्का सा उछाल भी है। बावजूद पतंग की मांग काफी अच्छी बनी हुई है। पन्नी वाली छोटी पतंग की इतनी मांग रही कि वह बाहर से आ नहीं रही है। उसका कारण पतंग का प्रोडक्शन कम होना और ज्यादा बिक्री होना है। इंदौर में कागज की पतंग सबसे ज्यादा पसंद की जाती है, जो 2 से लेकर 20 रुपए तक की कीमत में उपलब्ध होती है। वहीं, पन्नी वाली पतंग के दाम 1 से लेकर 20 रुपए तक है।

बिजली लाइनों से दूर पतंग उड़ाने की अपील
बिजली कंपनी ने मकर संक्रांति पर पतंगें बिजली की लाइनों, ट्रांसफार्मरों, पोल से दूर उड़ाने की अपील की है। इससे लाइनों एवं आमजन को नुकसान हो सकता है। मप्रपक्षेविविकं इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि लाइनों पर पतंगें एवं धागों के कारण फाल्ट होने से न केवल विद्युत प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है, बल्कि हादसा होने का भी अंदेशा होता है।

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