इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कोविड कंट्रोल रूम से कोरोना से ठीक हुए मरीजों से पूछा जाता है आपको ये लक्षण तो नहीं

रोज लगाते हैं 3 हजार से ज्यादा फोन
इंदौर। कोरोना महामारी (corona epidemic) से ठीक हुए लोगों में कई तरह की अन्य बीमारियां देखी जा रही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस (Black fungus)  से ग्रसित लोग अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। प्रदेश में भी इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है। इसलिए इस बीमारी के मरीजों को ढूंढने के लिए कोविड कंट्रोल रूम (covid control room) से प्रतिदिन कोरोना से ठीक हुए मरीजों को फोन लगाए जा रहे हैं। उनसे लक्षणों का पता लगाया जा रहा है, जिनसे ब्लैक फंगस फैलता है। प्रतिदिन 3 हजार लोगों को फोन लगाया जा रहा है।
जिले में कोरोना से ठीक हुए मरीजों को नई बीमारी ने घेर लिया है। जिन लोगों को स्टेराइड (steroid) दी गई या जिनकी शुगर ज्यादा होती ऐसे लोगों को ब्लैक फंगस (Black fungus)  होने का ज्यादा खतरा रहता है। गत माह जिले में हजारों लोगों को कोरोना हुआ। कई लोग अस्पताल में इलाज करवाकर घर पहुंचे तो कई घरों में रहकर ही ठीक हो गए। कुछ लोगों ने कोविड केयर सेंटर में इलाज करवाया। ऐसे सभी लोगों का डाटा एकत्रित कर अब कोविड कंट्रोल रूम से प्रतिदिन 3 हजार लोगों को फोन कर ब्लैक फंगस (Black fungus) के लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। हर व्यक्ति से 18 सवाल पूछे जाते हैं।


40 % तक कम हुए कॉल
1075, यानी कोविड कंट्रोल रूम (covid control room) पर अब पिछले एक हफ्ते से कॉल आने की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। डॉ. डोंगरे ने बताया कि अब यहां पर 40 फीसदी कॉल कम आ रहे हैं। अब ज्यादातर कॉल वैक्सीनेशन की जानकारी, वैक्सीन कहां से लगवा सकते है, कौन सी वैक्सीन कहां लग रही है इस तरह के आ रहे हैं। ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, रेमडेसिविर इंजेक्शन, कोविड रिपोर्ट नहीं मिलने की जानकारी के लिए सबसे ज्यादा फोन आते थे। अप्रैल माह और मई माह की 15 तारीख तक लगातार फोन कॉल आ रहे थे, जिसके कारण 48 ऑपरेटर 8-8 घंटे की शिफ्ट में कॉल अटेंड कर रहे थे।


भेजते हैं डॉक्टरों की टीम, देते हैं दवाइयां
कोविड कंट्रोल रूम  (covid control room) प्रभारी डॉ. अनिल डोंगरे (Dr. Anil Dongre) ने बताया कि यदि इनमें से कोई भी लक्षण व्यक्ति बताता है तो इसकी सूचना आरआरटी टीमों को दी जाती है। वे व्यक्ति के घर पहुंचकर उनकी जांच करते हैं और उन्हें दवाइयां देते हैं। यदि उन्हें दवाइयों से ठीक महसूस नहीं होता है तो अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है। जानकारी के मुताबिक लक्षण वाले अब तक लगभग 20 मरीजों को आरआरटी टीमों ने अस्पतालों में भर्ती करवाया है।
अब वीडियो कॉल नहीं करते
कोविड कंट्रोल रूम (covid control room) से शुरू से ही घर पर रहने वाले मरीजों से डॉक्टरों द्वारा वीडियो कॉल कर जानकारी ली जा रही थी, लेकिन मार्च माह से लगातार कोरोना की मरीजों की संख्या बढऩे के कारण हर मरीज को वीडियो कॉल लगाना संभव नहीं होने के कारण वीडियो कॉलिंग सुविधा बंद कर दी गई थी। अब सिर्फ फोन पर ही मरीज की जानकारी ली जा रही है।
ये सवाल पूछकर लेते हैं जानकारी
– क्या आपकी किसी एक आंख के पास दर्द है?
– चेहरे में दर्द और सन्नपन तो नहीं?
– मुंह में कोई नया दुर्गंधयुक्त स्वाद आ रहा?
– एक तरफ की नाक बंद…नाक से रक्त निकलता है?
– नाक फूलने या एक तरफ से गाढ़ा तरल पदार्थ निकलने की समस्या?
– नाक के आसपास के हिस्से में दर्द तो नहीं?
– दांत दर्द के साथ डिस्चार्ज, तालू में लालपन या सूजन?
– खांसी में खून निकलना?
– धुंधला या दो-दो दिखना?
– आंख में सूजन या आंख बाहर निकलना या पस निकलना अथवा दृष्टि अचानक कम होना?
– चेहरे पर लकवा अथवा चेहरे में तिरछापन आना?
– एक साइड की पलक में कमजोरी आना अथवा लटकना?
– लकवा, मिर्गी के दौरे आना अथवा भूलने की शिकायत, चेतना का स्तर कम होना?

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