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मंगलुरु ब्लास्ट में सामने आया PFI और ISIS का गठजोड़, NIA कर सकती है मामले की जांच

मंगलुरु: कर्नाटक के मेंगलुरु में शनिवार को एक चलते ऑटो रिक्शा में हुए धमाके के मामले में पुलिस ने बड़ा पर्दाफाश किया है. इस धमाके में ऑटो रिक्शा चालक व एक और शख्स घायल हुआ है, जिस पर मंगलुरु ब्लास्ट को अंजाम देने का शक जताया जा रहा है. उसकी पहचान मोहम्मद शरीक (24) के रूप में हुई है, जो कर्नाटक के तीर्थहल्ली का रहने वाला है. वह सितंबर 2022 से फरार था. जांच टीम के मुताबिक PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) ने अपने ऊपर हुई कार्रवाई के बाद ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) के साथ गठजोड़ करके दक्षिण भारत में आतंकी हमले का प्लान बनाया ​है. आईएसआईएस और पीएफआई के काडर मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं. मंगलुरु धमाके में गिरफ्तार घायल संदिग्ध मोहम्मद शरीक से प्रारंभिक पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद शरीक कट्टरवाद की विचारधारा से बहुत ज्यादा प्रभावित है. वह किसी भीड़-भाड़ वाली जगह पर धमाके को अंजाम देने वाला था, संभवत: उसके पहले ही यह कुकर बम फट गया. सूत्रों के मुताबिक जल्द ही NIA को इस मामले की जांच सौंपी जा सकती है.

आपको बता दें कि संदिग्ध आतंकी गतिधिवियों में संलिप्तता के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया था. मामले में संदिग्ध शरीक को मंगलुरु के फादर मुलर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसके परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जाएगी. परिवार के 1 पुरुष और 3 महिला सदस्यों ने रविवार को अस्पताल पहुंचकर उससे मुलाकात की. इससे पहले कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद ने रविवार को कहा था, ‘ऑटो रिक्शा में विस्फोट कोई मामूली घटना नहीं है, यह आतंकी कृत्य है. इसका मकसद बड़ा नुकसान पहुंचाना था. मामले की जांच में केंद्रीय एजेंसियों (NIA और IB) की भी मदद ली जा रही है.’ एक जांच अधिकारी के अनुसार ऑटो रिक्शा के अंदर मिली सामग्री से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है. तलाशी के दौरान पुलिस को ऑटो से एक जला हुआ प्रेशर कुकर और एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से जुड़ी बैटरी मिली. बरामद मोबाइल फोन से भी गुत्थी सुलझाने में मदद मिली.


पुलिस ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) से पता चला है कि मैसूरु में एक महीने से अधिक समय तक इस फोन का इस्तेमाल किया गया था. यह तमिलनाडु में पंजीकृत मोबाइल नंबर से चलाया जा रहा था. नंबर चोरी के आधार कार्ड से खरीदा गया था. पुलिस के अनुसार ऑटो रिक्शा के अंदर एक आधार कार्ड भी मिला, जो हुबली जिले के प्रेमराज हुतगी के नाम से था. प्रेमराज का पता लगाने पर जानकारी मिली कि वह तुमकुर में रेलवे में ग्रुप डी कर्मचारी हैं. उन्होंने बताया कि उनका आधार कार्ड गुम हो गया था, नए के लिए उन्होंने आवेदन किया है. आधार कार्ड में प्रेमराज का ब्योरा था, लेकिन तस्वीर अलग थी. पुलिस के मुताबिक मोहम्मद शरीक उसका दुरुपयोग कर रहा था. वह अपने पिता के साथ रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाता था. मोहम्मद शरीक पहली बार कर्नाटक पुलिस के रडार पर तब आया, जब उसे नवंबर 2020 में मंगलुरु में आतंकवाद-समर्थक भित्तिचित्र बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया.

मंगलुरु में दीवारों पर आतंकवाद समर्थक भित्तिचित्र बनाने के लिए शरीक को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था. वह फिलहाल जमानत पर है. इतना ही नहीं, वह एक अन्य आतंकी मामले में भी फरार था. पुलिस को उसकी तलाश थी. इस साल सितंबर में पुलिस ने भद्रावती से 2 लोगों माज और यासीन को गिरफ्तार किया था और उनके घर से विस्फोटक सामग्री बरामद की थी. पुलिस को संदेह था कि दोनों आरोपी मोहम्मद शरीक के लिए काम कर रहे थे. इस मामले में पूछताछ के लिए पुलिस शरीक को पकड़ने की कोशिश कर रही थी. सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को शरीक मंगलुरु वापस आया और फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर अपनी योजना को अंजाम देने की कोशिश की. शनिवार को ऑटो में हुए विस्फोट में शरीक 40 फीसदी तक जल गया है. एफएसएल टीम ने उसके घर से विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, छोटे बोल्ट, बैटरी, मोबाइल, लकड़ी का बुरादा, एल्युमिनियम मल्टी मीटर, तार, मिक्सर जार, प्रेशर कुकर आदि बरामद किए हैं.

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