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‘पायलट ने BJP संग सरकार गिराने की रची थी साजिश…’ गहलोत ने निकालें पुराने घाव

नई दिल्ली: ‘राजस्थान का मुख्यमंत्री उस आदमी को कैसे बनाया जा सकता है जिसके पास 10 विधायक हैं, जिसने सरकार से बगावत की हो, जिसने पार्टी के साथ ‘गद्दारी’ की हो’…सचिन पायलट को राजस्थान सीएम के तौर पर कभी स्वीकार नहीं कर सकता है…ये कहना है राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जिन्होंने एक बार फिर कांग्रेस की खींचतान को एक नया मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बीच की तल्खियां फिर खुलकर सामने आ गई है.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले गहलोत ने पहली बार पायलट से चल रही तकरार और अपने सीएम रहने के सवाल पर खुलकर बोले हैं. वहीं गहलोत ने सितंबर के सियासी घटनाक्रम के बाद एक बार फिर पायलट की 2020 की बगावत को याद किया है. गहलोत ने 2020 में पायलट के बागी होने के दौरान उनके गुट बीजेपी से मिलीभगत के सनसनीखेज आरोप लगाते हुए एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पायलट ने अपने गुट के साथ बीजेपी की मिलीभगत पर सरकार गिराने की साजिश रची थी.

‘गद्दार’ नहीं होगा स्वीकार
गहलोत ने कहा कि राजस्थान में आलाकमान किसी को भी सीएम बना सकते हैं लेकिन सचिन पायलट को कोई भी स्वीकार नहीं करेगा. सीएम ने कहा कि मैं खुद 34 दिनों तक भुगता हूं लेकिन अब 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन जिस आदमी ने गद्दारी कर ली है उसे सीएम कैसे बनाया जा सकता है. वहीं अपने सीएम पद पर रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि मुझे रखना है तो रख सकते हैं, मैं लगातार काम कर रहा हूं लेकिन 2023 से पहले अगर पायलट के रूप में चेहरा बदला गया तो कोई स्वीकार नहीं करेगा.

‘विधायक नहीं चाहते पायलट बने CM’
वहीं हाल में 25 सितंबर की घटना पर सीएम ने कहा कि विधायकों ने अपनी मर्जी से बगावत की, वो एक गद्दार को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करना चाहते थे.

गहलोत ने सितंबर के सियासी बवाल और विधायक दल की बैठक के रद्द होने पर कहा कि वह विधायकों की भावना थी और अगर एक भी विधायक मेरा नाम ले तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. उन्होंने कहा कि विधायकों के सामने अफवाह फैला दी गई कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा और दिल्ली से आए पर्यवेक्षक एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर देंगे.

गहलोत ने कहा कि 2020 में सचिन पायलट गुट के विधायकों ने बगावत की और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रची, इससे विधायकों में भारी नाराजगी थी. गहलोत ने कहा कि सभी 90 विधायक पार्टी के प्रति वफादार थे और गांधी परिवार का सम्मान करते हैं. वहीं गहलोत ने इशारों में अजय माकन को भी आड़े हाथों लिया.


‘पायलट ने रची सरकार गिराने की साजिश’
गहलोत ने कहा कि 34 दिन जिन विधायकों ने भुगता है, अपनी सरकार बचाई है वो पायलट को सीएम के तौर पर कैसे स्वीकार कर सकते हैं. गहलोत ने बेबाक अंदाज में सीधे पायलट का नाम लेते हुए कहा कि आलाकमान उस आदमी को मुख्यमंत्री कैसे बना सकता है जिसके पास 10 विधायक हैं, जिसने बगावत की हो, जिसने पार्टी के साथ ‘गद्दार’ की…उसे कोई भी सीएम के तौर पर कैसे स्वीकार किया जा सकता है.

वहीं बीजेपी के साथ पायलट की मिलीभगत पर गहलोत ने सीधे आरोप लगाया कि बगावत के दौरान 10 करोड़ रुपये बांटे गए हैं, बीजेपी के दिल्ली दफ्तर से पैसे उठाए गए हैं. गहलोत ने कहा कि उस दौरान पैसों के लेनदेन के मेरे पास सबूत हैं. गहलोत ने कहा कि नाराजगी के बाद पायलट कांग्रेस दफ्तर नहीं गए बल्कि मानेसर गए और बीजेपी के धर्मेंद्र प्रधान वहां मुलाकात करते थे.

‘पायलट को किया गया था बर्खास्त’
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास में पहली बार किसी डिप्टी सीएम और कांग्रेस के अध्यक्ष को बर्खास्त किया गया, उनको बर्खास्त क्यों किया गया. गहलोत ने कहा कि पायलट ने 2020 की गलती पर आलाकमान से आज तक माफी नहीं मांगी है. उन्होंने कहा कि अगर पायलट 2020 की बगावत की माफी सोनिया गांधी से मांग लेते तो मुझे अब आलाकमान से माफी नहीं मांगनी पड़ती.

चेहरा बदलने के नहीं कोई संकेत
गहलोत ने राजस्थान में आगामी चुनावों को लेकर कहा कि हम सरकार बनाने जा रहे हैं और लोग हमारी योजनाओं के बारे में बात कर रहे हैं. वहीं सूबे में चेहरा बदलने के कयासों पर पहली बार गहलोत ने कहा कि आलाकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा और अभी चेहरा बदलने के लिए कोई संकेत नहीं है. गहलोत ने कहा कि अभी तो मैं ही राजस्थान का सीएम हूं और सूबे के हालात देखकर लगता है कि आलाकमान को आने वाले समय में न्याय करते हुए उचित फैसला लेना चाहिए.

‘आलाकमान करवा लें राजस्थान में सर्वे’
वहीं गहलोत ने कहा कि मैंने अगस्त में आलाकमान के सामने अपनी भावना जाहिर कर चुका हूं, उन्होंने कहा कि आलाकमान राजस्थान में सर्वे करवा सकता है जिसमें लगे कि मेरे रहते चुनाव जीता जा सकता है तो मैं तैयार हूं, वहीं अगर किसी और चेहरे पर आलाकमान भरोसा दिखाता है तो मुझे सीएम पद छोड़ने में कोई दिक्कत नहीं है. गहलोत ने कहा कि मैं पंजाब में अमरिंदर सिंह की तरह कभी बगावत नहीं करूंगा और चुनावों में कांग्रेस के लिए जी-जान लगा दूंगा.

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