एमवाय ब्लड बैंक ने 3 हजार यूनिट से ज्यादा ब्लड संग्रहित किया
इंदौर। गम्भीर जरूरतमंद मरीज (Patient) और दुर्घटना (Accident) में घायलों की जान बचाने के लिए रक्तदान (blood donation) को लेकर समाज (society) में आए दिन जागरूकता बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि समाज में सुखद बदलाव के चलते अब तेरहवीं, मृत्युभोज और पगड़ी के अलावा पुण्यतिथि पर रक्तदान करने का चलन बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा कई ऐसे भी युवा हैं, जो अपने जन्मदिन पर लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं।
एमवाय हॉस्पिटल ब्लड बैंक ने हाल ही में भारतीय किसान संघ के उपाध्यक्ष रह चुके स्व. ईश्वरलाल पाटीदार की मृत्युभोज पगड़ी के दिन उनके परिजनों के आग्रह पर रतलाम की पिपलिया सिसोदिया धर्मशाला में ब्लड डोनेशन कैम्प लगाया, जहां पर पाटीदार के 30 परिजनों सहित 181 लोगों ने रक्तदान किया। ब्लड बैंक के स्टाफ ने कहा कि उनके पास पुण्यतिथि, मृत्युभोज, पगड़ी, तेरहवीं सहित जन्मदिन पर ब्लड डोनेशन कैम्प लगाने की एडवांस बुकिंग रहती है।
अब तो अक्सर आए दिन कई बार तो 1 दिन में दो या तीन अलग-अलग स्थानों पर डोनेशन कैम्प लगाने पड़ते हैं। हालात यह है कि अब शहर या इंदौर जिला ही नहीं, बल्कि सम्भाग के बाहर के जिलों के भी परिवार या संस्थान उन्हें ब्लड डोनेशन कैम्प लगाने के लिए बुलाने लगे हैं। पिछले साल ही इंदौर जिले के बाहर जाकर डोनेशन कैम्प लगाकर 3000 यूनिट से ज्यादा ब्लड स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से मिला है। इतना ही नहीं कई लोग तो ज्योतिषीय परामर्श के अनुसार अब ग्रहों, नक्षत्र की शांति के लिए रक्तदान करते हैं। मंगल ग्रह की शांति की कई मांगलिक पत्रिका वाले मंगलवार को रक्तदान करने लगे हैं। हालांकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि रक्तदान से मंगल ग्रह की शांति होती है या नहीं। एमवायएच ब्लड बैंक ने पिछले साल बाहरी जिलों में जाकर लगभग 35 ब्लड कैम्प लगाकर 3177 यूनिट ब्लड संग्रहित किया था। इनमें से अधिकांश कई ब्लड डोनेशन कैम्प परिजनों की तेरहवीं, मृत्युभोज, पगड़ी, पुण्यतिथि पर समाज या परिवार के आग्रह पर लगाए गए थे। इस साल भी जनवरी माह में हाल ही में ब्लड डोनेशन कैम्प दिवंगत की स्मृतियों में लगाए गए हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved