देश राजनीति

राजस्थान में सियासी संकट और गहराया, गतिरोध बरकरार

राज्यपाल कलराज मिश्र ने नारेबाजी कर रहे कॉन्ग्रेस विधायकों को पार्क में जाकर समझाया फिर भी धरने पर डटे गहलोत समर्थक

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बर्खास्त उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहा सियासी संकट अब और ज्यादा गहरा गया है। राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा आज मामले में यथास्थिति बनाए रखने के फैसले के बाद गहलोत समर्थक विधायक राजभवन में शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। राजभवन के पार्क में नारेबाजी कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक कॉन्ग्रेस विधायकों को समझाने बुझाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र खुद राजभवन से बाहर निकलकर पार्क में धरने पर बैठे और नारेबाजी कर रहे कांग्रेस के गहलोत समर्थक विधायकों को काफी देर तक समझाया बुझाया। राज्यपाल के समझाने के बाद सीएम गहलोत समर्थक विधायकों ने फिलहाल नारेबाजी तो बंद कर दी है और शांति के साथ पार्क में ही बैठे हैं, लेकिन उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर समाचार लिखे जाने तक भी धरने पर डटे हुए हैं। गहलोत समर्थक कांग्रेस विधायकों की मांग है कि राज्यपाल जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाए, लेकिन कोरोना महामारी के चलते राज्यपाल ने फिलहाल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने से दोबारा इनकार कर दिया है, जिससे गैरों समर्थक विधायकों में आक्रोश और बढ़ता जा रहा है। राजभवन के पार्क में धरने पर बैठे कांग्रेश विधायकों को राज्यपाल मिश्र ने यह भी समझाया है कि फिलहाल पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए विचार-विमर्श के लिए समय की जरूरत है। लेकिन सूत्रों का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके समर्थक कांग्रेस विधायक को आशंका है कि ऊपरी दबाव के चलते राज्यपाल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने में आनाकानी कर रहे हैं, जिस वजह से राजस्थान में सियासी गतिरोध अब भी बरकरार है। गौरतलब है कि राजस्थान में 15 दिनों से भी ज्यादा समय से चल रहा है यह सियासी झगड़ा सड़क से अदालत होकर अब राजभवन तक जा पहुंचा है। राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद गहलोत सरकार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। फैसले में और ज्यादा देरी होने से सीएम गहलोत को अब अपने समर्थक विधायकों के भी टूट जाने का भय सताने लगा है, जिस वजह से वह अब सरकार बचाने की हरसंभव रणनीति बनाने पर जुट गए हैं।

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