उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

सावन की तैयारी…इस बार आम श्रद्धालुओं को सिद्ध आश्रम के पास से महाकाल में दिया जाएगा प्रवेश

  • सशुल्क दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए हरसिद्धि चौराहे से अलग कतार लगेगी-बैरिकेट्स पर शेड भी लगाए जाएँगे

उज्जैन। विस्तारीकरण के कार्यों के बीच महाकाल में पिछले 6 महीने से श्रद्धालुओं के प्रवेश की व्यवस्था को हर तीसरे दिन बदला गया है। आगामी 14 जुलाई से श्रावण शुरू हो रहा है, इस दौरान श्रद्धालुओं की अधिक संख्या को देखते हुए मंदिर समिति एक बार फिर दर्शन व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। पूरे सावन महीने में आम श्रद्धालुओं को सिद्ध आश्रम के पास से प्रवेश दिए जाने पर विचार चल रहा है।
महाकालेश्वर मंदिर में वीकेंड के तीन दिन शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर शेष दिनों में अभी 8 से 10 हजार श्रद्धालु रोज महाकाल दर्शन करने आ रहे हैं। 14 जुलाई से श्रावण महीना शुरू हो जाएगा और 18 जुलाई को भगवान महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। पूर्व में महाकालेश्वर मंदिर में सावन का महीना शुरू होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती रही है। सावन-भादौ मास में औसतन रोजना 20 से 25 हजार श्रद्धालु महाकाल दर्शन करते हैं और सवारी वाले दिन यह आंकड़ा दो लाख तक पहुंच जाता है। इसी को देखते हुए मंदिर समिति ने एक बार फिर सावन में महाकाल दर्शन व्यवस्था में बदलाव की तैयारी की है। इसके तहत इस बार सामान्य श्रद्धालुओं को सिद्ध आश्रम के पास प्रवेश सेंटर बनाकर यहीं जूता स्टैंड, टिकिट काउंटर, प्रसाद काउंटर और क्लॉक रूम बनाने की योजना पर विचार चल रहा है। सिद्ध आश्रम के पास से आम श्रद्धालु बैरिकेट्स से कतार में लगकर हरसिद्धि चौराहा पहुंचेंगे और यहाँ से उन्हें शंख द्वार लाकर फैसिलिटी सेंटर होते हुए प्रवेश दिया जाएगा। जबकि 250 रुपए टिकिट लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को हरसिद्धि चौराहे से प्रवेश मिलेगा। कावड़ यात्रियों को भी अलग कतार में यहीं से प्रवेश देने की योजना बन रही है। इन श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए हरसिद्धि चौराहे से लेकर महाकाल प्रवेश द्वार तक टीनशेड लगाए जाएँगे।


नहीं मिली मंदिर के बाहर के भिखारियों से मुक्ति
कहा जा रहा था कि इंदौर की तर्ज पर उज्जैन भी भिखारियों से मुक्त होगा। खासकर रामघाट और मंदिर के पास बाहर से भिखारी आ जाते हैं और लोगों को परेशान करते हैं लेकिन अभी तक इन भिखारियों को हटाने के लिए कोई योजना नहीं हैं न ही अभियान चलाया गया है। ऐसे में शहर की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है

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