उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी… ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनने से लोडिंग वाहन करते हैं शहर में प्रवेश, कई जगह परेशानी

  • विक्रम नगर में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए विकास प्राधिकरण भी प्रस्ताव को कर चुका है मंजूर

उज्जैन। पिछले एक दशक में शहर की आबादी तेजी से बढ़ी है। बावजूद इसके लोगों को शहरी क्षेत्र में भारी वाहनों की आवाजाही से छुटकारा नहीं मिल पाया है। सालों पहले इसके लिए शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित करने के दावे होते रहे हैं लेकिन ट्रांसपोर्टरों को अभी तक यह सौगात नहीं मिल पाई है। पिछले एक दशक में कई बार शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को स्थायी स्थान उपलब्ध कराने की आवश्यकता के साथ-साथ संगठन द्वारा मांग की जाती रही है। वैसे तो पिछले दो दशक से ट्रांसपोर्ट व्यवसायी स्थायी स्थान नहीं मिलने के कारण परेशानी झेल रहे हैं। इसका असर शहर की यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है। सिंहस्थ 1992 के दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसायी इंदौरगेट क्षेत्र में अपने वाहन खड़े करते थे तथा यहीं ऑटो पार्ट्स से जुड़े व्यवसायी भी काम करते थे।



इसके बाद इन्हें यहाँ से गदा पुलिया की ओर भेजा गया था। सिंहस्थ 2004 के बाद यहाँ से सभी व्यवसायियों को हरिफाटक ब्रिज के समीप तथा सांवराखेड़ी ब्रिज क्षेत्र में भेजा गया था। परंतु पिछले साल जिला प्रशासन ने यहाँ भी सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करते हुए यहाँ के ट्रांसपोटर, मैकेनिक तथा ऑटो डील से जुड़े व्यवसायियों को हटा दिया था। इधर विकास प्राधिकरण द्वारा विक्रम नगर में ट्रांसपोर्ट नगर बनाए जाने का प्रस्ताव कुछ साल पहले मंजूर किया था। यूडीए के बजट में इसका प्रावधान भी किया गया था, परंतु प्रशासनिक स्वीकृति के लिए इसकी फाईल राज्य शासन को नहीं भेजी जा सकी थी। विकास प्राधिकरण के सीईओ सौजानसिंह रावत का कहना है कि इसके आगे की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं और प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य शासन को भेजा जाएगा। इधर शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े संगठनों का कहना है कि पिछले एक दशक से अधिक समय हो जाने के बाद भी उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। कुछ दिन पहले उक्त व्यवसाय से जुड़े 7 संगठनों ने मिलकर ट्रांसपोर्ट नगर संघर्ष समिति का गठन भी कर लिया है। पिछले दिनों समिति के पदाधिकारी इस माँग को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह से भी मिले थे। पदाधिकारियों का कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर के लिए संयुक्त संघर्ष समिति आंदोलन करती रहेगी।

स्थायी जगह नहीं होने से अभी कई समस्याएँ..बाद में यह होंगे फायदे
शहर में स्थायी रूप से ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने के कारण अभी ट्रांसपोर्टरों को अपने वाहन हरिफाटक ओव्हरब्रिज के नीचे, दूध तलाई, मोहननगर, आगर रोड एमआर-5 मार्ग व अन्य स्थानों पर खड़े करने पड़ रहे हैं। इससे इन क्षेत्रों में आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। अगर शहर में स्थायी रूप से ट्रांसपोर्टरों को ट्रांसपोर्ट नगर की व्यह्यह्यवस्था हो जाती है तो यह सारे भारी वाहन एक ही स्थान पर खड़े हो सकेंगे तथा वहीं से इनका संचालन हो पाएगा और शहर को भी भारी वाहनों की आवाजाही से मुक्ति मिलेगी।

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