विदेश

उइगर शोषण के खिलाफ कानून पर राष्ट्रपति बाइडन ने किए दस्तखत, विदेश मंत्री बोले- चीन बंद करे नरसंहार

वाशिंगटन। राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के शिनजियांग में उइगरों पर अत्याचार संबंधी कानून पर दस्तखत कर दिए हैं। उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम (यूएफएलपीए) पर कानून बनने के बाद प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा, यह एक मजबूत कदम है जिसे अमेरिकी संसद कते दोनों सदनों में सर्वसम्मति से द्विदलीय समर्थन मिला है। अब शिनजियांग में बने सामान का अमेरिका में आयात रुक सकेगा।

विदेश मंत्री और प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष ने कहा, चीन बंद करे नरसंहार
बाइडन द्वारा कानून पर दस्तखत करने के बाद विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन से शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ नरसंहार व अपराध तुरंत बंद करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, शिनजियांग में जबरन श्रम से बनवाए गए सामान का अमेरिका में आयात प्रतिबंधित होना एक बड़ा कदम होगा। इससे जबरन श्रम को लेकर अमेरिकी प्रतिबद्धता भी रेखांकित होती है।

उन्होंने कहा, हम उन लोगों की गरिमा को बहाल करने की हरसंभव कोशिश करेंगे जो बंधुआ मजदूरी से मुक्त होने के लिए तरस रहे हैं। उधर, प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने कहा, चीन में सरकार द्वारा नरसंहार पूरी दुनिया की अंतरात्मा के लिए एक चुनौती है। चीन को चाहिए कि वह इस भयावह प्रथा को समाप्त करे।


चीन ने जताया सख्त एतराज
अमेरिका में लागू हो रहे उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम पर चीन ने सख्त एतराज जताया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून तथा वैश्विक संबंधों के बुनियादी मानदंडों का गंभीर उल्लंघन बताया। चीन ने कहा, यह कार्रवाई दूसरे देश के आंतरिक मामलों में अमेरिकी दखलंदाजी है जो चीन को मानवाधिकार के प्रति दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से बदनाम करने के लिए की गई है। चीन ने कहा, हम जीनी जनता, राष्ट्रीय संप्रभुता और विकास हितों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और अमेरिकी कदम का विरोध करते हैं।

दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन
पूर्वी तुर्किस्तान के राष्ट्रीय शोक दिवस के मौके पर वाशिंगटन समेत दुनिया भर के कई शहरों में चीन के शिनजियांग प्रांत में जारी नरसंहार और औपनिवेशिक नीतियां अपनाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए। इस्तांबुल, द हेग, वाशिंगटन, एडमोंटन में तुर्किस्तान की निर्वासित सरकार और पूर्वी तुर्किस्तान नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। बता दें, आज से 22 साल पहले स्वतंत्र पूर्वी तुर्किस्तान गणराज्य को चीन के जनवादी गणराज्य ने उखाड़ फेंका था, जिसके बाद पूर्वी तुर्किस्तान का चीन में विलय हो गया।

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