- कोरोना काल में बेसहारा बच्चों को सहारा देने की घोषणा डेढ़ साल बाद भी पूरी नहीं
- फिर एक महीने और इंतजार का वादा, कोरोना काल में विधवा हुई महिलाओं ने लगाई गुहार
इन्दौर (Indore)। डेढ़ साल पहले कोरोना काल में माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए घोषित की गई प्रधानमंत्री वात्सल्य योजना को अब तक मुकाम नहीं मिला है। अपने माता-पिता को खो चुके इंदौर जिले के 788 बच्चे अब भी प्रधानमंत्री का वात्सल्य पाने को तरस रहे हैं। ये बच्चे कोरोना काल से ही सरकार की तरफ आस लगाए बैठे हैं। इसके अलावा पति को खो चुकी 219 महिलाओं ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई।
2021 अक्टूबर के बाद अनाथ हो चुके और बेसहारा बच्चों को सहारा देने के लिए की गई घोषणा दो साल में भी पूरी नहीं हो सकी है। इन्दौर जिले के ही 788 बच्चों को प्रधानमंत्री के वात्सल्य का इंतजार है। पढ़ाई-लिखाई, भरण पोषण और उच्च शिक्षा का सपना रखने वाले इन बच्चों को अभी एक महीने का और इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री द्वारा कोविड काल में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को गंवा चुके बच्चों के लिए मिशन वात्सल्य योजना शुरू की गई थी। एक वर्ष तक इस योजना के तहत सामाजिक संस्थाओं और सरकार की ओर से मदद की राशि मुहैया कराई गई, लेकिन अब सामाजिक संस्थाओं के हाथ खड़े कर देने के बाद इन बच्चों का कोई खैरख्वाह नहीं है। भारत सरकार ने मिशन वात्सल्य के तहत शिक्षा और भरण-पोषण करने का जिम्मा उठाने की घोषणा तो की, लेकिन अब तक कोई राशि आवंटित नहीं गई।
219 महिलाएं भी कोरोना काल में विधवा हुर्इं… बच्चों का पालन मुश्किल
कोरोना में अपने पति को गंवा चुकी लगभग 219 महिलाओं ने बच्चों के भरण पोषण और शिक्षा में मदद किए जाने को लेकर दो दिन पहले कलेक्टर का घेराव किया था। लम्बी चली बहस के बाद कलेक्टर ने कल महिलाओं को सशक्त बनाने और बच्चों के लिए सुविधा जुटाने बैठक बुलाई। रोजगार अधिकारी, महिला बाल विकास अधिकारी, प्रायवेट कम्पनियों, उद्योग विभाग के माध्यम से प्लानिंग की जा रही है। बैठक में उपस्थित महिलाओं ने नौकरी की मांग की तो कलेक्टर ने लोन दिलाने और खुद का रोजगार शुरू करने की समझाईश देते हुए दस्तावेज एकत्रित करने की बात कही। अब कलेक्टर की पहल पर इन महिलाओं का बीपीएल कार्ड, आयुष्मान योजना कार्ड बनाया जाएगा, वहीं नौकरी के लिए रोजगार पंजीयन कराया जाएगा। ज्ञात हो कि पति को खोने के बाद घरेलू महिलाओं के सामने जीवन यापन का बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया है।