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प्राइवेट ट्रेनः पहली बैठक में जीएमआर, आईआरटीसी, भेल समेत 16 कंपनियां हुई शामिल

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे देश में सुरक्षित, फास्ट और आरामदायक सफर के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट ट्रेनों को शुरू करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। रेलवे ने ट्रेन सेवाओं के निजीकरण के संबंध में इच्छुक निजी कंपनियों के लिए एक प्री-बिड (बोली लगाने के पूर्व) कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस बैठक में 16 कंपनियों ने भाग लिया।
सूत्रों के अनुसार, प्राइवेट ट्रेन चलाने को लेकर ऑपरेशन बोली में शामिल होने वाली कई बड़ी कंपनियों के नाम सामने आए हैं जिसमें आईआरसीटीसी के अलावा जीएमआर समूह, बॉम्बार्डियर इंडिया, सीएएफ, राइट्स, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स भेल, मेधा समूह, आरके एसोसिएट्स, स्टरलाइट पावर, भारतफोर्ज और जे केबी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सार्वजनिक निजी भागीदारी के आधार पर निजी यात्री ट्रेनें परिचालित की जाएंगी जिससे भारतीय रेल परिवहन क्षेत्र में नई तकनीक आने ​के साथ-साथ भारतीय रेल के राजस्व में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में संभावित आवेदकों द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा की गई और रेल मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा आरएफक्यू और बोली प्रक्रिया के प्रावधानों के बारे में स्पष्ट रूप से समझाया गया। संभावित आवेदकों से प्राप्त प्रश्नों के बारे में रेल मंत्रालय 31 जुलाई, 2020 तक लिखित उत्तर देगा। दूसरा आवेदन पूर्व सम्मेलन 12 अगस्त 2020 को निर्धारित है। रेलवे के साथ हुई अहम बैठक में रेलवे ने कंपनियों से कहा कि प्राइवेट ट्रेन चलाने की इच्छुक कंपनियां अपनी पसंद से ट्रेन खरीद सकेंगी या लीज पर ले सकेंगी।
रेल मंत्रालय पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर देशभर में प्राइवेट ट्रेन चलाने की अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम रहा। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक ऐसी सभी 151 ट्रेनें अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 2027 तक शुरू हो जाएंगी। रेलवे ने अपने नेटवर्क पर निजी कंपनियों की यात्री रेलगाडिय़ों के परिचालन की अनुमति देने की अपनी योजना को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए इस महीने की शुरुआत में देशभर के 109 जोड़ा रूटों पर 151 आधुनिक यात्री ट्रेनें चलाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। रेलवे का अनुमान है कि इस स्कीम के कारगर होने से रेलवे में 30,000 करोड़ रुपए का निजी निवेश होगा।
रेलवे ने कहा है कि 70 फीसदी प्राइवेट ट्रेनें भारत में तैयार की जाएंगी। इन ट्रेनों को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की मैक्सिमम स्पीड के हिसाब से बनाया जाएगा। 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा में 10% से 15% कम समय लगेगा, जबकि 160 किलोमीटर की स्पीड से 30% समय बचेगा। इनकी स्पीड मौजूदा समय में रेलवे की ओर से चलाई जा रहीं सबसे तेज ट्रेनों से भी ज्यादा होगी। हर ट्रेन में 16 कोच होंगे। बता दें कि वर्तमान में प्राइवेट ट्रेनें दिल्ली-लखनऊ और मुंबई-अहमदाबाद रूट पर चलाई जा रही हैं। इनका संचालन रेलवे की सब्सिडियरी आईआरसीटीसी की ओर से किया जा रहा है।

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