विदेश

श्रीलंका के कई इलाकों में कर्फ्यू, राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग को लेकर आज होगा विरोध-प्रदर्शन

कोलंबो। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapakse) के इस्तीफे की मांग (demand resignation) को लेकर शनिवार को होने वाले व्यापक विरोध-प्रदर्शनों (widespread protests) के मद्देनजर श्रीलंका (Sri Lanka) की पुलिस ने पश्चिमी प्रांत के कई पुलिस डिवीजनों में शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात नौ बजे से अगली सूचना तक कर्फ्यू (Curfew) लगा दिया है। बता दें कि शनिवार को होने वाले विरोध-प्रदर्शन राजपक्षे के राष्ट्रपति कार्यालय के सामने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर नौ अप्रैल को शुरू हुए मूल विरोध-प्रदर्शन के तीन महीने बाद हो रहा है।

द कोलंबो पेज ने पुलिस के हवाले से बताया कि नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, कोलंबो नॉर्थ, कोलंबो साउथ और कोलंबो सेंट्रल पुलिस डिवीजनों में कर्फ्यू लगाया दिया गया है।


कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में पूरी तरह से प्रतिबंध
पुलिस ने कहा कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्रीलंकाई प्रशासन ने कहा कि उन क्षेत्रों में यात्रा करना जहां पुलिस कर्फ्यू लागू है, पूरी तरह से प्रतिबंधित है और पुलिस ने लोगों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी है।

बिगड़ती आर्थिक स्थिति से बढ़ा तनाव
श्रीलंका में बिगड़ती आर्थिक स्थिति ने पिछले हफ्तों में तनाव बढ़ा दिया है। फ्यूल स्टेशनों पर व्यक्तियों और पुलिस बल के सदस्यों और सशस्त्र बलों के बीच टकरावों की कई रिपोर्टें सामने आई हैं, जहां हजारों लोग घंटों और कभी-कभी दिनों तक कतार में खड़े रह रहे हैं। पुलिस ने कई बार अनावश्यक और अनुपातहीन तरीके से आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया है। कई मौकों पर, सशस्त्र बलों ने गोला-बारूद भी दागे हैं।

कोविड-19 ने देश की आर्थिक व्यवस्था को पहुंचाया नुकसान
1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जो कि कोविड-19 की लगातार लहरों की वजह से आया है। कोविड-19 ने देश के विकास की प्रगति को पहले की दिशा में धकेल दिया है और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने की देश की क्षमता को गंभीर रूप प्रभावित किया है।

आईओसी ने ईंधन वितरण दो दिन के लिए रोका
लंका आईओसी (एलआईओसी) ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को होने वाले व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर दो दिन के लिए ईंधन का वितरण रोक रही है। एलआईओसी श्रीलंका में इंडियन ऑयन कॉरपोरेशन की अनुषंगी इकाई है। यह 27 जून को विदेशी मुद्रा भंडार के संकट के चलते सरकारी तेल कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) के पंप में आपूर्ति ठप होने के बाद द्विपीय देश में पेट्रोल-डीजल की बिक्री कर रही एकमात्र कंपनी है।

24 जून को अपना एक ऑर्डर रद्द होने के बाद सीपीसी ईंधन की एक भी आपूर्ति नहीं मंगवा सकी है। एलआईओसी के प्रबंध निदेशक मनोज गुप्ता ने ट्वीट किया, “श्रीलंका में प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शनों के मद्देनजर हमें तत्काल प्रभाव से अपनी आपूर्ति प्रक्रिया रोकने की सलाह दी गई है।” उन्होंने बताया कि एलआईओसी शुक्रवार और शनिवार को ईंधन का वितरण नहीं करेगी।

हालांकि, ‘द कोलंबो गैजेट’ के मुताबिक गुप्ता ने कहा कि एलआईओसी त्रिंकोमाली से सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) और उससे जुड़े उद्योगों को ईंधन का वितरण जारी रखेगा।

ईंधन खरीदने के लिए लगी मीलों लंबी कतारें
एलआईओसी ने उपभोक्ताओं को सीमित आपूर्ति की थी, जिससे वाहन चालकों को खुदरा स्टेशनों से ईंधन खरीदने के लिए मीलों लंबी कतारों में कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। श्रीलंका सरकार रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीदने की संभावनाएं खंगाल रही है। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, क्योंकि दोनों आर्थिक संकट से निपटने में असमर्थ साबित हुए हैं।

शहर में शुक्रवार को कई प्रदर्शन हुए। वामपंथी एफएसपी से जुड़े अंतर विश्वविद्यालय छात्र संघ के सदस्यों ने एक विरोध मार्च का नेतृत्व किया।पुलिस मध्य कोलंबो के फोर्ट जिले में प्रदर्शनकारियों को प्रमुख क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने के लिए अदालती आदेश प्राप्त करने में नाकाम रही।

विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की आशंका
शनिवार के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भी नौ मई की तरह की हिंसा की आशंका जताई गई है। नौ मई को हुए विरोध-प्रदर्शन में एक सांसद सहित 10 से अधिक लोग मारे गए थे।

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