कटनी। कटनी शहर की जनता ने एक बार फिर महापौर पद पर निर्दलीय उम्मीदवार श्रीमती प्रीति संजीव सूरी को विजय दिलाई है। प्रीति सूरी ने मतगणना शुरू होते ही हर चक्र में अपनी बढ़त को बनाकर रखा। गहमागहमी के बीच सुबह 9 बजे से कृषि उपजमंडी पहरूआ प्रांगण में शुरू हुई मतगणना के प्रारंभिक चक्र से ही निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति सूरी ने जो बढ़त बनाकर रखी तो वह अंतिम चक्र तक कायम रही। जानकारी के मुताबिक पांचवे चक्र की गणना के बाद प्रीति सूरी अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी ज्योति दीक्षित से 5 हजार 287 वोटों की बढ़त बना चुकी थीं। बढ़त का सिलसिला जारी था जिसे देख कर अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रीति संजीव सूरी की लीड लगभग 6 हजार वोट तक पहुंचेगी। कांग्रेस प्रत्याशी श्रेहा खंडेलवाल का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। कांग्रेस के वोटों में भी निर्दलीय प्रत्याशी ने जबर्दस्त सेंधमारी की। फाइनल नतीजों के मुताबिक प्रीति संजीव सूरी को 45हजार 648 भाजपा प्रत्याशी ज्योति दीक्षित को 40हजार 361 एवं कांग्रेस प्रत्याशी को 22 हजार 67 वोट मिले। उधर 27 वार्डों में भारतीय जनता पार्टी के पार्षद प्रत्याशियों को जीत मिली है, जबकि पार्षदों के मामले में कांग्रेस को 15 वार्डों में ही संतोष करना पड़ा। तीन वार्डों में निर्दलीयों ने पार्टी प्रत्याशियों को शिकस्त देते हुए जीत का परचम लहराया। भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ये चुनाव गहरे मंथन का विषय हैं। नगर निगम चुनाव में कटनी शहर हमेशा से आश्चर्यजनक परिणाम देने वाला रहा है यहां की जनता ने तीसरी बार राजनैतिक दलों को आइना दिखाते हुए निर्दलीय महापौर बनाया।मतगणना के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस खेमे में मायूसी देखने मिल रही है। परिषद में 27 वार्डों की जीत के साथ बहुमत पाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी का स्वाद महापौर चुनाव में मिली शिकस्त से किरकिरा हो गया। नतीजे हालांकि अनुमान के मुताबिक ही आए। चुनाव के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति संजीव सूरी का चुनाव चिन्ह अंगूठी जिस तरह लोगों की जुबां पर थाउसे देखते हुए ऐसे ही नतीजों का अनुमान लगाया जा रहा था। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में लगभग यह तस्वीर बन चुकी थी कि मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति संजीव सूरी और भाजपा प्रत्याशी ज्योति दीक्षित के बीच हुआ। कांग्रेस अपनी अनुभव हीनता स्तरहीन चुनाव मैनेजमेंट औऱ बरिष्ट कांग्रेस जनो की उपेक्षा के अलावा कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते ही मुकाबले से चुनाव के 4 दिन पूर्व ही बाहर हो गई थी। निर्दलीय प्रत्याशी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के वोट बैंक में सेंध लगाते हुए जीत की इबारत लिख दी। भारतीय जनता पार्टी मतगणना के किसी चक्र में आगे नहीं निकल पाई।
तीसरी बार चुना निर्दलीय महापौर
कटनी शहर ने तीसरी बार निर्दलीय महापौर चुना। कटनी की जनता ने राजनैतिक रूप से नए प्रयोग के लिए पूरे प्रदेश में चर्चित कटनी शहर ने एक बार फिर निर्दलीय महापौर बनाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए। इसके पहले जनता ने संदीप जायसवाल और कमला मौसी को महापौर बनाकर आश्चर्यजनक नतीजे दिए हैं। यह तीसरा मौका है जब राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों को पीछे छोड़ते हुए कटनी की जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन व्यक्त किया।
भाजपा ने हाईटेक बना दिया चुनाव
इस पूरे चुनाव में भाजपा ने अपने आईटी विभाग के जरिए चुनावों को काफी हाईटेक ही नहीं प्रतिष्ठापूर्ण बना दिया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के दो बार कटनी दौरे के साथ साथ केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एबं भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और कटनी खजुराहो के सांसद बी.डी शर्मा के सघन दौरे की बजह से प्रदेश ही नहीं देश में कटनी का चुनाव सुर्खियां बना लेकिन इन सबका कितना फायदा हुआ, इसे लेकर अलग अलग चर्चाएं हैं। कुछ जानकार तो यह भी कहते दिखे कि पार्टी को अपने सामान्य चुनावों की तरह ही इस चुनौती को लेना था।
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