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सोती रही पंजाब पुलिस और अपने मकसद में कामयाब हो गया अमृतपाल, बॉर्डर पर एजेंसियां अलर्ट

नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे से बदनाम संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी गुर्गों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल बंद कर दिया है. उसके इस कदम ने पंजाब पुलिस और देश के खुफिया तंत्र की नींद उड़ा दी है. क्योंकि जब तक यह सब मोस्ट वांटेड फरार आरोपी मोबाइल का इस्तेमाल करते रहे तब तक, एजेंसियां इनके पीछे लगी रही. जैसे ही मोबाइल की लोकेशन मिलनी बंद हुई तो, एजेंसियों के होश उड़ गए. अब पता चला है कि अमृतपाल सिंह गैंग के इस कदम से अलर्ट एजेंसियों ने भारत से जुड़ी, पाकिस्तान, नेपाल, बंग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका की सीमाओं पर ‘हाई-अलर्ट’ कर दिया है.

हिंदुस्तानी इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी की मानें तो, जो हालात मौजूदा वक्त में इस वांछित को लेकर सामने मौजूद हैं, उनसे तो देश छोड़कर इसके भागने की पूरी-पूरी संभावनाएं हैं. हालांकि इसके लिए अब पड़ोसी देशों की सीमाओं पर मौजूद वे रास्ते अपनाएं जा सकते हैं, जिन्हें छिपते-छिपाते पैदल ही पार कर लिए जाने की प्रबल आशंका होगी. हवाई मार्ग से तो इसके (अमृतपाल सिंह) देश से बाहर निकलने का चांस बेहद कम है. इंटेलिजेंस ब्यूरो के ही एक अधिकारी की माने तो बुधवार तक (22 मार्च 2023) अमृतपाल सिंह और उसके साथियों तक पहुंच जाने की प्रबल संभावनाएं बनी हुई थीं.

विक्रम सिंह ने कहा, “संभावना कुछ भी हो सकती है. हां, मेरे 36 साल के आईपीएस करियर के अनुभव के हिसाब से अमृतपाल सिंह, मौजूदा हालातो में देश से बाहर भागना चाहेगा.” उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने आगे कहा, जितना शोर अमृतपाल को लेकर मच गया. इस सब तमाशे से पहले ही अगर पंजाब पुलिस चाहती तो इसी अमृतपाल सिंह को दबोच सकती थी. अब हवा में लाठी भांजने जैसा ही लग रहा है. जो अमृतपाल सिंह कल तक आपकी जद में था, तब पंजाब पुलिस सोती रही. अब वही अमृतपाल सिंह हाथ से निकल कर देश और उसकी एजेंसियों के लिए खुली चुनौती देने लगा, तो पंजाब पुलिस भी तलाश का ढोंग करने में जुटी है. जब वो आपकी हदों में था तब उसे क्यों भाग जाने दिया. तभी पकड़ लिया गया होता तो अब देश की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने जैसी बे-मतलब की कसरत में क्यों धन और श्रम सरकारी एजेंसियों को फूंकना पड़ता? अब तो भारत की एजेंसियों के लिए सिरदर्द-विलेन बन चुका अमृतपाल सिंह, अपने गैंग में हीरो बन चुका है.


केंद्रीय एजेंसियां ही कर सकती अमृतपाल को गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि अब अगर उसकी सही-सलामत गिरफ्तारी की कुछ उम्मीद बची है तो वो सिर्फ केंद्रीय एजेंसियां ही कोई कमाल कर सकती हैं. पंजाब पुलिस के बूते की बात तो रही नहीं. अगर पंजाब पुलिस अब अमृतपाल सिंह तक अगर किसी भी हालत में पहुंच भी गई तो उसका भी श्रेय पंजाब पुलिस को न जाकर देश की केंद्रीय एजेंसियों को ही जाएगा. वहीं, यूपी के पूर्व आईपीएस अधिकारी और रिटायर्ड आईजी इंटेलीजेंस आर के चतुर्वेदी ने कहा, “अमृतपाल सिंह उस लेबल का अपराधी तो था ही नहीं, जिस लेबल का अब उसे मोस्ट वांटेड या हौवा बना दिया है. राज्य पुलिस (पंजाब) की वो हदों में उस वक्त तक था जब उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. इससे भी शर्मनाक यह है कि गिरफ्तारी के बाद इस जैसा अपराधी पुलिस की पकड़ से फरार हो गया. मुझे तो इसी बात पर हंसी आ रही है कि आखिरकार, इतना बड़ा और मोस्ट वांटेड अपराधी था अमृतपाल सिंह तो फिर पंजाब पुलिस की कस्टडी से वो भागने में कामयाब ही कैसे हो गया? इसकी जिम्मेदारी महकमे में ऐसी तय होनी चाहिए जो पंजाब पुलिस की आने वाली पीढ़ियों के लिए भी नजीर बन जाए.”

अपने मकसद में कामयाब रहा अमृतपाल
दूसरी तरफ, गुरुवार को बातचीत में दुनिया की टॉप-थ्री खुफिया एजेंसियों में शुमार ‘रॉ’ के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, “अमृतपाल सिंह पंजाब या भारत में जिस उद्देश्य से आया था वो करके निकल गया. अब अमृतपाल सिंह को नहीं हमें और हमारी एजेंसियों को सोचना है कि उसका पक्का इलाज क्या हो? फिलहाल तो अब तक जो तमाशा मैं इस मामले में देख रहा हूं, टीवी-मीडिया से जो कुछ समझ पा रहा हूं, उससे तो लगता है कि हम अपना नफा-नुकसान छोड़ें, हाल-फिलहाल जो नहीं होना चाहिए था, पंजाब पुलिस की जाने-अनजाने की गलती के चलते अमृतपाल सिंह की फरारी ने वो सब कर डाला है. अब हर हाल में वो देश से बाहर निकलना चाहेगा. इसके लिए हवाई मार्ग के बजाए उसे पैदल ही बॉर्डर पार करना आसान होगा. मुझे उम्मीद है कि पंजाब पुलिस की सी गलती हमारी इंटेलीजेंस एजेंसीज नहीं करेंगी. उन्होंने भारत से जुड़े देशों की सीमाओं पर अपने स्तर पर वहां मौजूद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट भेज दिया होगा. जैसा की मैंने अपनी रॉ की पूरी नौकरी में देखा किया और सीखा है.”

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