रांची। ट्रेन यात्रा को सुरक्षित बनाने में जुटी भारतीय रेल (Indian Rail) ने यात्रा नियमों में बदलाव किए हैं। अब यात्री रात को अपना मोबाइल-लैपटॉप (Mobile-laptop) चार्ज नहीं कर पाएंगे। वहीं सफर के तौर-तरीकों में बदलाव करते हुए रेलवे ने यात्रा के दौरान धूम्रपान(Smoking) करने या फिर ज्वलनशील पदार्थ (Inflammable Material) ले जाने वाले यात्रियों पर कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की घोषणा (Declaration) की है ।
भारतीय रेल ने कुछ नियम-कायदे बदले हैं। यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ट्रेनों में सफर के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव किया गया है। हाल के शताब्दी ट्रेनों में आगजनी की बड़ी घटनाओं के बाद महत्वपूर्ण यात्री सुविधाओं में कटौती का एलान किया है। इसके साथ ही ट्रेनों में स्मोकिंग और ज्वलनशील पदार्थ को लाने- ले जाने पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए बड़ा अभियान छेड़ा है। रेलवे की ओर से कहा गया है कि ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। इस लिहाज से सफर को आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने ये बड़ा कदम उठाया है।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक अब रेल यात्री ट्रेन में अपना मोबाइल चार्ज नहीं कर पाएंगे। ट्रेन के सभी कोचों में चार्जर प्वाइंट को जोड़ने वाले सभी स्विच एक साथ बंद कर दिए जाएंगे। इसके पीछे तर्क है कि रात को अधिकतर यात्री बेपरवाह तरीके से अपना मोबाइल चार्जिंग पर रखकर सो जाते हैं। ऐसे में ओवर चार्जिंग की वजह से मोबाइल के ब्लास्ट करने का खतरा होता है। साथ ही इस दौरान मोबाइल की चोरी का खतरा भी बना रहता है।
भारतीय रेल ने नई व्यवस्था के तहत सभी रेल मंडलों में इस नियम को लागू कर दिया है। पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर के अधीन संचालित की जाने वाली सभी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों में तत्काल प्रभाव से रात 11 बजे के बाद चार्जिंग प्वाइंट से जुड़े स्विच को रातभर बंद रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बताया गया है कि ट्रेन में सफर कर रहे यात्री रात 11 बजे तक अपना मोबाइल फुल चार्ज कर लें, नहीं तो सुबह 5 बजे तक उनका मोबाइल और लैपटॉप को पावर नहीं मिल पाएगा। रात में तमाम कोचों के सभी चार्जर प्वाइंट बंद कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही यात्रियों को इस बारे में जानकारी देने के लिए चार्जिंग प्वाइंटों पर जागरूकता संदेश लिखे जा रहे हैं। ट्रेन में शार्ट सर्किट की किसी भी संभावना को खारिज करने के उद्देश्य से और यात्री सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने यह महत्वपूर्ण फैसला किया है।
रेलवे का मानना है कि ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं शार्ट सर्किट के वजह से होती हैं। जबकि यात्री सिरहाने लगे चार्जिंग प्वाइंट में देर रात या पूरी रात तक मोबाइल-लैपटॉप चार्ज करते रहते हैं। ऐसे में शार्ट सर्किट की संभावना बनी रहती है। वर्तमान में रेलवे ने यात्री सुरक्षा को आगे कर सभी कोचों में खुले इलेक्ट्रिक वायर को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है। ट्रेनों को गंतव्य तक रवाना किए जाने से पहले पेंट्रीकार सहित सभी कोचों की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही हैं। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि सभी रूटों पर चलने वाली ट्रेनों में चार्जिंग की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है।
रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों में आगजनी से जुड़े हादसे को शत-प्रतिशत रोकने के लिए सभी कोचों में अग्निशमन यंत्र और अलार्म अनिवार्य कर दिया है। स्मोकिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध के साथ ही किसी तरह के विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थों को लेकर रेलवे ने अभियान छेड़ दिया है। रेल यात्रा के दौरान विस्फोटक व ज्वलनशील पदार्थ साथ लेकर चलने वाले यात्रियों पर कड़ी कार्रवाई और आर्थिक दंड लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
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