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राजस्थान कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय बैलेंस का रखा ध्‍यान, 17 विधायक पहली बार बने मंत्री

जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार (cabinet expansion) करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathod) और वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा (Kirori Lal Meena) सहित 22 नेताओं को शामिल किया है. इनमें से 17 पहली बार मंत्री बने हैं. बीजेपी ने मंत्रिमंडल में 2 ब्राह्मण नेताओं, 4 जाट, राजपूत और एससी/एसटी के तीन-तीन नेताओं के अलावा अन्य समुदायों को शामिल करके जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की है. राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दो उपमुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री हैं. इनमें से 20 पहली बार मंत्री बने हैं.

मंत्रिमंडल में 12 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्री हैं. कैबिनेट मंत्रियों में राज्यवर्धन राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हैं. राज्यपाल कलराज मिश्र ने नए मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई. मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही एक विवाद भी सामने आया. सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. इस फैसले ने सभी को चौंका दिया. क्योंकि सुरेंद्र पाल सिंह चुनाव जीतने से पहले ही मंत्री बन गए हैं. जयपुर स्थित राजभवन में सुरेंद्र पाल सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हैं. इस सीट पर 5 जनवरी को मतदान होना है. कांग्रेस ने उन्हें मंत्री बनाए जाने पर बीजेपी की आलोचना की है.


कैबिनेट विस्तार में बीजेपी ने क्षेत्रीय संतुलन भी साधने की कोशिश की है. हालांकि इसमें जयपुर का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक है, जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ जयपुर शहर की सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं. डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा दूदू सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. अलग जिला बनाए जाने से पहले दूदू जयपुर जिले का ही हिस्सा था.

नया मंत्रिमंडल युवा और अनुभवी नेताओं का मिश्रण है. वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर और मदन दिलावर को कैबिनेट मंत्री और ओटाराम देवासी को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है. जबकि कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन राठौड़, राज्यमंत्री केके विश्नोई और जवाहर सिंह बेधम पहली बार विधायक बने हैं.

सबसे ज्यादा अनुभवी नेता हैं किरोड़ी लाल मीणा
नवनियुक्त मंत्रिमंडल में किरोड़ी लाल मीणा (72) सबसे उम्रदराज और अविनाश गहलोत (42) सबसे कम उम्र के हैं. भजनलाल सरकार में राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह खींवसर, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, बाबूलाल खराड़ी, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमन्त मीणा, सुमित गोदारा और कन्हैयालाल चौधरी कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. जबकि भजनलाल सरकार में संजय शर्मा, गौतम कुमार, झब्बर सिंह खर्रा, सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, हीरालाल नगर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए हैं. ओटाराम देवासी, मंजू बाघवार, विजय सिंह, केके विश्नोई, जवाहर सिंह बेधम ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली है.

4 बार विधायक रहे हैं खींवसर
6 बार विधायक रहे किरोड़ीलाल मीणा सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से आते हैं. वह दो बार लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. किरोड़ीलाल मीणा एक अनुभवी नेता हैं, जिनका आदिवासी समुदाय में दबदबा है. वहीं 4 बार विधायक रहे खींवसर जोधपुर जिले के लोहावट सीट से आते हैं. वह पूर्व मंत्री भी हैं. जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले राज्यवर्धन राठौड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण सीट से 2 बार लोकसभा सांसद हैं. राज्यवर्धन राठौड़ ओलंपिक पदक विजेता और पूर्व सेना अधिकारी हैं.

पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हैं हेमंत मीणा
4 बार के विधायक बाबूलाल खराड़ी उदयपुर में झाड़ोल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. जबकि रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर 6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं. सुरेश सिंह रावत पुष्कर से विधायक हैं. रावत 3 बार विधायक रह चुके हैं साथ ही वह संसदीय सचिव थे. 2 बार के विधायक अविनाश गहलोत पाली जिले के जैतारण सीट से आते हैं. जबकि 2 बार के विधायक कुमावत पाली के सुमेरपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं. हेमन्त मीणा प्रतापगढ़ से पहली बार विधायक बने हैं, वह पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हैं.

ये नेता पहली बार बने विधायक
कन्हैया लाल चौधरी मालपुरा (टोंक) से 3 बार के विधायक हैं. वहीं, सुमित गोदारा बीकानेर जिले के लूणकरनसर से आते हैं वह दूसरी बार विधायक हैं. राज्यमंत्री संजय शर्मा, गौतम कुमार दक (बड़ी सादड़ी), झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर) और हीरालाल नागर (सांगोद) दो बार के विधायक हैं. 3 बार के विधायक रहे ओटाराम देवासी, वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पूर्व भाजपा सरकार में राज्यमंत्री थे. दलित चेहरा मंजू बग्मार नागौर जिले की जायल सीट से चुनाव जीती थीं. जबकि 2 बार विधायक रहे राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी नवां (नागौर) सीट से चुनाव जीते थे. केके विश्नोई (गुढ़ामालानी) और जवाहर सिंह बेढम (नगर) पहली बार विधायक बने हैं.

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बोले सीएम भजनलाल
शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने X पर लिखा कि नया विजन और नया मिशन. हमारा लक्ष्य- आत्मनिर्भर और सर्वोत्तम राजस्थान है. उन्होंने कहा कि पराक्रम-पुरुषार्थ की वीर भूमि राजस्थान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने पर सभी ऊर्जावान साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.राज्य की 200 विधानसभा सीटों में से 199 सीटों के लिए 25 नवंबर को वोटिंग हुई थी. चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे. बीजेपी ने 115 सीटें पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस ने 69 सीटें ही जीतीं थीं. भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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